2000 रुपये की नोटबंदी पर दिल्ली HC ने आदेश रखा सुरक्षित, आरबीआई के फैसले को दी गई है चुनौती

दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कई प्रकार के तर्क देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक के पास आरबीआई अधिनियम-1934 के तहत किसी भी मूल्य के बैंक नोट को बंद करने कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. आरबीआई अधिनियम-1934 की धारा 24(2) के तहत यह शक्ति केवल केंद्र सरकार के पास है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2023 5:27 PM
an image

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. अदालत में दायर याचिका में आरबीआई की ओर से 19 मई, 2023 को जारी की गई अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है. आरबीआई की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उसने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपये के नोट को वापस करने का फैसला किया है.

हाईकोर्ट ने एक अन्य याचिका को किया है खारिज

जस्टिस सतीश चंदर शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को याचिकाकर्ता और प्रतिवादियों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. आरबीआई ने अदालत में दाखिल याचिका का विरोध किया है, जिसमें कहा गया है कि 2000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट की इसी खंडपीठ ने सोमवार को आरबीआई की ओर से बिना किसी पहचान प्रमाण के 2000 रुपये के नोटों को बदलने की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था.

आरबीआई ने की मनमानी

दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कई प्रकार के तर्क देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक के पास आरबीआई अधिनियम-1934 के तहत किसी भी मूल्य के बैंक नोट को बंद करने कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. आरबीआई अधिनियम-1934 की धारा 24(2) के तहत यह शक्ति केवल केंद्र सरकार के पास है. उन्होंने आरोप लगाया है कि 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर किए जाने से जनता पर बड़े पैमाने पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण किए बिना ही आरबीआई की ओर से मनमाना फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट को बंद करने के पीछे आरबीआई ने कोई सटीक तर्क नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत केवल कटे-फटे और पुराने गंदे नोटों को वापस लिया जाता है, न कि अच्छे नोट वापस लिये जाते हैं.

2000 का नोट नहीं ले रहे दुकानदार

याचिका में यह भी कहा गया है आरबीआई की ओर से अधिसूचना जारी करने के बाद बाजार में कारोबारियों और दुकानदारों ने 2000 रुपये के नोट को लेना बंद कर दिया है. इससे बैंक से दूर रहने वाले ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले पुरुषों और महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में कहा गया है कि इस भीषण गर्मी में ग्रामीण इलाकों के लोगों को बिना किसी गलती के 2000 रुपये का नोट बदलवाने के लिए कई-कई किलोमीटर दूर बैंक जाना पड़ रहा है और वहां कतार में लगकर नोट बदलवाना पड़ रहा है.

Also Read: आरबीआई ने वापस लिया 2000 रुपये का नोट तो नक्सलियों को लगी तगड़ी चोट, जानें कैसे?

क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपये की वापसी कैसे?

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि आरबीआई और वित्त मंत्रालय न केवल हरेक बैंक नोट पर छपाई के साल का ही उल्लेख करती है, बल्कि केंद्रीय बैंक क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह अनुमान भी लगाता है कि संबंधित नोट कितने साल तक चल सकते हैं और उनकी उम्र कितनी हो सकती है. नोट वापसी से पहले वित्त मंत्रालय और आरबीआई देश के नागरिकों को इसकी सूचना देते हैं, जबकि आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट की वापसी करने का ऐलान करने से पहले ऐसा नहीं किया गया.

Exit mobile version