भारी बारिश की वजह से दिल्ली में अफरा-तफरी मची हुई है. कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. सड़कें तालाब बन चुकी हैं. कई पुराने मकान की दीवारें गिर गयी हैं, जिससे एक की मौत भी हो चुकी है. भारी बारिश से तबाह दिल्ली पर एक और संकट मंडराने लगा है. हथिनीकुंड बराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना नदी उफान पर है, जिससे दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
दो से तीन दिन में आ सकता है दिल्ली में बाढ़
दिल्ली सरकार ने हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक आदेश में कहा, शाम चार बजे हथिनीकुंड बराज से 1,05,453 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़े जाने के चलते पहली चेतावनी जारी की गई है. आम तौर पर, बराज पर प्रवाह दर 352 क्यूसेक है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा से पानी का बहाव बढ़ जाता है. बराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब दो से तीन दिन लगते हैं.
बाढ़ से बचाव के लिए दिल्ली में तैयारी बढ़ी, 16 नियंत्रण कक्ष बनाये गये
बाढ़ के खतरे के मद्देनजर अधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया है. नदी के तटबंध के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक और आगाह करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दलों को भी तैनात किया गया है. दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित निचले इलाके बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं और वहां करीब 37,000 लोग रहते हैं.
मंगलवार को यमुना के खतरे के निशान से ऊपर जाने की आशंका
बताया जा रहा है दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और इसके मंगलवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार करने की आशंका है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार दोपहर एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है. मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की आशंका है.
दिल्ली में बारिश ने तोड़ा 41 साल का रिकॉर्ड
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सर्वाधिक बारिश है. चंडीगढ़ और अंबाला में रिकॉर्ड क्रमश: 322.2 मिलीमीटर और 224.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई इलाकों में ‘भारी से बहुत भारी’ बारिश दर्ज की गई है.