दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को भारतपे (BharatPe) के पूर्व एमडी अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और परिवार के सदस्यों को कुछ निर्देश दिया है. कोर्ट ने इन्हें चार सप्ताह के अंदर एक सीलबंद लिफाफे में अपने बैंक खाते के डिटेल्स की कॉपी दाखिल करने को कहा है. अंग्रेजी वेबसाइट indianexpress.com ने जो खबर प्रकाशित की है उसके अनुसार, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल-न्यायाधीश पीठ वादी रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड (भारतपे ऐप के निर्माता) द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिस दौरान ये निर्देश दिये गये. इसमें प्रतिवादियों को एक जुलाई 2018 से 31 अप्रैल 2022 तक के बैंक डिटेल्स की प्रतियां पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. यह आवेदन फिनटेक कंपनी के लंबित मुकदमे में दायर किया गया था, जिसमें ग्रोवर और परिवार के अन्य सदस्यों (प्रतिवादियों) को कंपनी, उसके निदेशकों और कर्मचारियों के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने का आरोप लगाया गया था.
सुनवाई के दौरान, प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें ‘सीलबंद लिफाफे’ में इस प्रकार के डिटेल्स की कॉपी देने में कोई आपत्ति नहीं है. इसकी एक प्रति वादी के वकील को भी दी जाए. इसके बाद न्यायमूर्ति पल्ली ने प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल करने का निर्देश दिया. ग्रोवर और उनकी पत्नी द्वारा भारतपे के कुछ दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की मांग करने वाले एक आवेदन के संबंध में, हाई कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (एक अलग मामले में) द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट के बाद इस पर विचार करेगा.
केस की अगली सुनवाई 12 फरवरी, 2024 को
ईओडब्ल्यू ने इस साल के शुरुआत में ग्रोवर, उनकी पत्नी और परिवार के कुछ अन्य सदस्यों के खिलाफ पैसों के कथित दुरुपयोग और रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को 81 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई थी. ग्रोवर ने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है और यह हाई कोर्ट की समन्वय पीठ के पास लंबित है. केस की अगली सुनवाई 12 फरवरी, 2024 को सूचीबद्ध की गई है.
पहले क्या आई थी खबर
इससे पहले मार्च 2022 में जो खबर आई थी उसमें कहा गया था कि भारतपे ने अपने सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है. साथ ही उनसे कंपनी के शेयर भी वापस लिये जायेंगे. भारत पे की बोर्ड मीटिंग के बाद यह घोषणा की गयी कि अशनीर ग्रोवर को उनके गलत व्यवहार की वजह से कंपनी के सभी पदों से हटा दिया गया है. भारतपे ने कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर अनियमितता में ग्रोवर के परिवार और संबंधियों की लिप्तता का आरोप लगाया और कार्रवाई की.