दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए निर्माण कार्य जारी रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसे बेहद ही अहम और आवश्यक परियोजना बताते हुए कहा कि यह एक राष्ट्रीय परियोजना है, इसलिए इस पर रोक नहीं लगा सकते हैं.
इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और कहा की यह एक जनहित याचिका नहीं थी. इसे देखकर लगता है कि यह याचिका किसी मकसद से प्रेरित थी. सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उच्चतम न्यायलय ने पहले ही परियोजना को वैध करार दिया है, ऐसे में सवाल उठाना सही नहीं है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी कहा दिल्ली सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी इस प्रोजेक्ट को जारी रखने की अनुमति दी है. सभी कर्मी पहले ही कार्यस्थल पर मौजूद हैं , कई मजदूर वहां पर काम कर रहे हैं इसिलए इस प्रोजोक्ट पर रोक लगाने के लिए उन्हें कोई कारण नजर नहीं आता है.
Delhi HC dismisses a plea seeking direction to suspend all construction activity of the Central Vista Avenue Redevelopment Project in view of the second wave of the COVID19 pandemic.
The court imposed Rs 1 lakh fine on petitioners & says it's a motivated plea. It was not a PIL pic.twitter.com/vsIzqFjWLW
— ANI (@ANI) May 31, 2021
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की. जिसमे अनुरोध किया गया था कोरोना वारयस वैश्विक महामारी के कारण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर फिलहाल रोक लगायी जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि तय समय पर काम पूरा हो इसके लिए इसे बंद करना सही नहीं है. गौरतलब है कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप को इस कार्य का ठेका दिया गया है. कॉन्ट्रैक्ट के नियम के मुताबिक नवंबर 2021 तक काम पूरा हो जाना चाहिए.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को रोकने की मांग वाली याचिका इतिहासकार और डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर फिल्मकार सोहेल हाशमी और अन्य मल्होत्रा ने दायर की थी. याचिका में प्रोजेक्ट को रोकने के पीछे यह दलील दी गयी की यह परियोजना आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिये महामारी के दौरान अभी इसे टाला जा सकता है. परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है.
Posted By: Pawan Singh