दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया उद्धव ठाकरे गुट को झटका, चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
शिवसेना के दो धड़े में बंट जाने के बाद से ही दोनों खेमों के बीच कई मुद्दों पर विवाद छिड़ा हुआ है. दोनों धड़े पुरानी शिवसेना के चुनाव चिन्ह लेकर भी आमने-सामने हैं. विवाद बढ़ता देख चुनाव आयोग ने पुराने चिन्ह को फ्रीज कर दिया था. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुनाया है.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से जोरदार झटका लगा है. दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिवसेना पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर उद्धव ठाकरे की याचिका खारिज कर दी है. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से कहा कि वह शिवसेना के दो धड़ों के बीच जारी विवाद पर जल्द से जल्द फैसला करे.
Delhi High Court dismisses Shiv Sena chief Uddhav Thackeray's plea challenging the Election Commission of India's (ECI) decision to freeze the election symbol of 'Bow and Arrow'.
— ANI (@ANI) November 15, 2022
चुनाव चिन्ह को लेकर आमने-सामने शिवसेना के दो धड़े: गौरतलब है कि शिवसेना के दो धड़े में बंट जाने के बाद से ही दोनों खेमों के बीच कई मुद्दों पर विवाद छिड़ा हुआ है. दोनों धड़े पुरानी शिवसेना के चुनाव चिन्ह लेकर भी आमने-सामने हैं. विवाद बढ़ता देख चुनाव आयोग ने पुराने चिन्ह को फ्रीज कर दिया था. उसकी जगह दोनों धड़ों को दूसरी चिन्ह आवंटित कर चुका है.
उद्धव गुट को दिल्ली हाईकोर्ट का झटका: चुनाव चिन्ह को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक चुनाव आयोग इस पर कोई फैसला नहीं ले लेता, आयोग के फैसले के मुताबिक ही नाम और चुनाव चिन्ह फ्रिज रहेगा. बता दें, बालासाहेब ठाकरे वाली पुरानी शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर-कमान है. जिसको लेकर उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट में घमासान छिड़ा है.
गौरतलब है कि, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने तीर-कमान वाले चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोकते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला किया. बता दें इससे पहले इस विवाद को सुलझाने के लिए चुनाव आयोग ने शिंदे गुट ढाल और तलवार का निशान दिया था वहीं, उद्धव ठाकरे को मशाल का चुनाव चिन्ह दिया था. लेकिन पुराने शिवसेना के चिन्ह को लेकर दोनों खेमों में लड़ाई जारी है.