AAP के नेताओं को दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, श्याम जाजू के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट हटाने का दिया निर्देश
Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह समेत अन्य आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को निर्देश दिया कि वे भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और उनके बेटे संदेश जाजू के खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्री सोशल मीडिया मंच से हटाएं.
Delhi: कुछ ही दिनों पहले सौरभ भरद्वाज और दुर्गेश पाठक समेत कई अन्य नेताओं ने दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आदेश गुप्ता और श्याम जाजू के खिलाफ आरोप लगाया था. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि- इन दोनों ने मिलकर एक कंपनी बनाई थी और इसका प्रमोटर इन दोनों ही नेताओं के बेटे को बनाया गया था. यह जो कंपनी है वह भाजपा के ऑफिस के पते पर रजिस्टर की गयी है. इनपर आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी नेतायों ने कहा था कि-दिल्ली और आसपास के इलाकों मे इनकी 40 से लेकर 50 प्रॉपर्टी मौजूद है. इस मामले को लेकर लोकायुक्त ने इन तीनों को नोटिस भी भेजा था जिसका जवाब इन्होने नहीं दिया था. इन सभी आरोपों के बाद बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष श्याम जाजू ने आप के नेताओं को नोटिस भेजा था जिसमें उन्होंने उनपर और उनके बेटे पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी चीजों को सोशल मीडिया ने हटाने की मांग की थी.
अपमानजनक सामग्री सोशल मीडिया मंच से हटाएं
दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह समेत अन्य आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को निर्देश दिया कि वे भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और उनके बेटे संदेश जाजू के खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्री सोशल मीडिया मंच से हटाएं. जस्टिस नवीन चावला ने एक अंतरिम आदेश में आप नेताओं को भविष्य में श्याम जाजू और उनके बेटे के खिलाफ बयान देने से परहेज करने को भी कहा. हाई कोर्ट ने भारद्वाज और सिंह के अलावा अन्य आप नेताओं दुर्गेश पाठक और दिलीप कुमार पांडेय के खिलाफ भी निर्देश जारी किया.
मुक़दमे की हो रही सुनवाई
हाई कोर्ट श्याम जाजू और उनके बेटे संदेश द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई कर रहा था, जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने किया. इस मामले में आप नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर स्थायी और अनिवार्य रूप से रोक लगाने और क्षतिपूर्ति की मांग की गई थी. दर्ज मामले के मुताबिक आप नेताओं ने 22 जनवरी को एक के बाद एक कई प्रेसवार्ता में वादी के खिलाफ झूठे, बेबुनियाद और अपमानजनक बयान दिये. अधिवक्ता सम्पिका बिस्वाल के जरिये दायर मुकदमे में विभिन्न सोशल मीडिया मंच और मीडिया हाउसों को भी पक्षकार बनाया गया है. (भाषा इनपुट के साथ)