भारतीय सेना में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
हाईकोर्ट ने अग्निवीरों, नियमित सिपाहियों के लिए अलग वेतनमान पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने की स्थिति में अग्निवीरों और नियमित सिपाहियों के अलग-अलग वेतनमान पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा. इस पर सरकार की ओर से पेश वकील ने जवाब दिया और बताया, अग्निवीर सशस्त्र बलों के नियमित कैडर से अलग कैडर है.
Delhi High Court reserves its order on a petition challenging the Agnipath recruitment scheme. pic.twitter.com/V51ARzbS7q
— ANI (@ANI) December 15, 2022
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अग्निपथ योजना स्वैच्छिक, जिन्हें दिक्कत है वे शामिल न हों : हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से सवाल किया था और पूछा उनके किस अधिकार का उल्लंघन हुआ है. कोर्ट ने कहा, यह स्वैच्छिक है तथा जिन लोगों को इससे कोई समस्या है, उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल नहीं होना चाहिए.
क्या है केंद्र की अग्निपथ योजना
सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना 14 जून को शुरू की गई. योजना के नियमों के अनुसार साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा. योजना के तहत, उनमें से 25 प्रतिशत की सेवा नियमित कर दी जाएगी. अग्निपथ की शुरुआत के बाद इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध शुरू हो गया. बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया.
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