Loading election data...

Delhi: ‘फीस नहीं चुकाने पर बच्चे को परीक्षा देने से नहीं रोक सकते’, हाईकोर्ट ने की टिप्पणी, जानें पूरा मामला

बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय में इसके निमित एक याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिस दौरान अदालत की यह टिप्पणी आयी है. याचिका एक निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल के 10वीं कक्षा के उस छात्र की की थी, जिसका नाम फीस का भुगतान न करने के कारण सूची से हटा दिया गया था

By Aditya kumar | January 19, 2023 10:18 PM

Delhi High Court On Schools : स्कूल फीस नहीं दे पाने पर प्रबंधन की ओर से कार्रवाई की जाती है. ऐसे में कई स्कूल प्रबंधन की ओर से कई बार बच्चों को स्कूल में परीक्षा देने से रोक दिया जाता था. इसी पर अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक निर्णय किया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि शिक्षा एक महत्वपूर्ण अधिकार है, जो ”जीवन के अधिकार के तहत शामिल है” और किसी बच्चे को शैक्षणिक सत्र के बीच में स्कूल में पढ़ने या परीक्षा देने से इस आधार पर रोका नहीं जा सकता कि उसकी फीस का भुगतान नहीं हुआ है.

याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दी यह टिप्पणी

बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय में इसके निमित एक याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिस दौरान अदालत की यह टिप्पणी आयी है. याचिका एक निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल के 10वीं कक्षा के उस छात्र की की थी, जिसका नाम फीस का भुगतान न करने के कारण सूची से हटा दिया गया था और आगामी सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था.

Also Read: Cold Wave in Delhi: दिल्ली NCR में शीतलहर का कहर बरकरार, दिन में पारा 2 डिग्री, रात में और गिरने की संभावना

अदालत ने कहा, ‘छात्र को बोर्ड की परीक्षा देने की अनुमति दी जाए’

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने याचिका पर “करुणापूर्ण और सहानुभूतिपूर्ण विचार” करते हुए कहा कि किसी छात्र को परीक्षा, विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा देने से वंचित करना जीवन के अधिकार के समान उसके अधिकारों का उल्लंघन होगा. मामले पर अदालत ने निर्देश दिया कि छात्र को बोर्ड की परीक्षा देने की अनुमति दी जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फीस भुगतान नहीं होने की वजह से परीक्षा से वंचित रखा जाना कहीं से भी उचित नहीं है.

सोर्स- भाषा इनपुट

Next Article

Exit mobile version