Delhi Airport News: चार महीने के भीतर 62 इलेक्ट्रिक वाहनों को किया जाएगा शामिल, जानें कारण
Delhi Airport: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हरित परिवहन कार्यक्रम के कार्यान्वयन की घोषणा की. इसके तहत एयरसाइड संचालन के लिए 62 ईवी 3-4 महीनों के भीतर लॉन्च होने की संभावना है.
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने हरित परिवहन कार्यक्रम के तहत चरणबद्ध तरीके से हवाई मार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) पेश करने का फैसला किया है. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और इसके आसपास के इलाकों में हरित परिवहन कार्यक्रम लागू करने की घोषणा की गई है.
टर्मिनल 3 के लिए इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग की सुविधा प्रदान की है
वर्तमान में, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने टर्मिनल 3 से यात्री परिवहन केंद्र (PTC) भवन तक यात्रियों के परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग की सुविधा प्रदान की है. ये बसें इन दोनों स्थानों के बीच 20 मिनट के नियमित अंतराल पर यात्रियों को ले जाती हैं.
पहले चरण में 62 ईवी
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के अनुसार पहले चरण में हवाई परिचालन क्षेत्र के लिए 62 इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया जाएगा, जिसकी मदद से प्रति वर्ष ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में एक हजार टन की कमी लाई जा सकेगी. इन वाहनों को तीन से चार महीनों के भीतर शामिल कर लिया जाएगा. डायल इन वाहनों और हवाई अड्डा के अन्य हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न स्थानों पर उच्च वोल्टेज और फास्ट-चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित करेगा.
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड इस कार्यक्रम पर भी कर रही है काम
2030 तक “नेट जीरो कार्बन एमिशन एयरपोर्ट” (NZCEA) बनने के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) द्वारा अपनाई गई अन्य पहलों में ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण, हरित भवन और बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, और एयरलाइंस और हितधारकों के साथ परिचालन उत्कृष्टता कार्यक्रम शामिल हैं.
वे समाज के कल्याण में योगदान देने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे से ईवी के साथ हर हल्के पेट्रोल और डीजल वाहन को हटाने की भी योजना बना रहे हैं. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियारने कहा कि स्वच्छ परिवहन वातावरण सुनिश्चित करने के लिए किसी भी भारतीय हवाई अड्डे द्वारा यह अपनी तरह की पहली पहल है.