Delhi से कटरा बस 6 घंटे में, एक्सप्रेस वे जुड़ेगा हरियाणा के इस प्वाइंट से
delhi-katra expressway: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दिल्ली-अमृतसर-कटरा 669 किलोमीटर का है. जानें इससे क्या होगा फायदा
Delhi katra expressway route map दिल्ली से वैष्णोदेवी अब मात्र 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. ऐसा दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को बहादुरगढ़ बाईपास से जोड़ने के हरियाणा सरकार के फैसले से संभव होगा. राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एप्रूवल के बाद एक्सप्रेसवे को दिल्ली से जोड़ दिया जाएगा. यह प्वाइंट हरियाणा के झज्जर जिले के जसौर खीरी से शुरू होता है. बहादुरगढ़ बाईपास के साथ दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के जुड़ने से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि दिल्ली से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए फर्राटा भरते हुए ट्रैवल सुलभ होगा.
दिल्ली से अमृतसर और कटरा के बीच यात्रा का समय घटा
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दिल्ली-अमृतसर-कटरा 669 किलोमीटर का है. इसे 40,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. इसके बनने से दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में और दिल्ली से कटरा 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. फिलहाल दिल्ली से कटरा की दूरी 727 किलोमीटर है. इस रूट के तैयार होने के बाद 58 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी.
एक्सप्रेसवे की लंबाई 135 किमी
दिल्ली में KMP (कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे) से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे हरियाणा में 137 किमी तक बनाया जा रहा है. पंजाब में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 399 किमी है. जम्मू-कश्मीर में एक्सप्रेसवे की लंबाई 135 किमी है.
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे
पंजाब में यह एक्सप्रेसवे पटियाला, संगरूर, मालेरकोटला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, गुरुदासपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों से होकर गुजरेगा. इसमें हरियाणा के झज्जर, रोहतक, सोनीपत, जिंद, करनाल और कैथल शहर शामिल होंगे.
प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे
इस गलियारे का प्रमुख आकर्षण ब्यास नदी पर बना एशिया का सबसे लंबा 1300 मीटर लंबा केबल स्टे ब्रिज है. यह एक्सप्रेसवे प्रमुख धार्मिक स्थलों, स्वर्ण मंदिर, कपूरथला जिले में सुल्तानपुर लोधी गुरुद्वारा, गोइंदवाल साहिब गुरुद्वारा, खडूर साहिब गुरुद्वारा, गुरुद्वारा दरबार साहिब (तरनतारन) को कटरा में माता दरबार वैष्णो देवी से जोड़ेगा. तरनतारन से अमृतसर एयरपोर्ट तक भी बेहतर कनेक्टिविटी होगी. परियोजना का पहला चरण नई दिल्ली से जालंधर तक चल रहा है और इस साल पूरा होने की संभावना है.