कोरोना संकट के बीच बड़ी संख्या में मजदूरों को काम से हाथ धोना पड़ा. खासकर, कोरोना संकट के बीच लगे लॉकडाउन ने दौरान कई निर्माण मजदूरों की नौकरी चली गई. बड़ी संख्या में प्रवासियों ने घर लौटने का फैसला किया. अब, दिल्ली सरकार ने दिल्ली बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक बोर्ड के तहत रजिस्ट्रेशन से वंचित निर्माण मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने निर्माण मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए 24 अगस्त से 11 सितंबर तक ‘निर्माण मजदूर पंजीकरण अभियान’ चलाने का फैसला लिया है. इसकी खासियत है कि घर बैठे ही www.edistrict.delhigovt.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवदेन किया जा सकता है. जबकि, दिल्ली की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में कैंप स्थापित किया गया है. खास बात यह है कि 18 से 60 वर्ष के बीच के लोग ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. उनके पास 90 दिन काम करने का प्रमाण पत्र, फोटो, स्थानीय आईडी प्रमाण, बैंक खाता संख्या और आधार कार्ड होना जरूरी है. पंजीकृत मजदूर बोर्ड के तहत संचालित 18 तरह की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
श्रम मंत्री गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली के अंदर निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए सरकार ने कोरोना के दौरान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की थी. अभी तक 70 हजार निर्माण मजदूरों ने आवदेन रजिस्ट्रेशन के लिए दिया है. ऑनलाइन आवेदन के सत्यापन का काम जारी है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और तेज करने के लिए दिल्ली सरकार 24 अगस्त से 11 सितंबर तक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है. 15 दिनों तक चलने वाले अभियान में सोमवार से शुक्रवार तक रजिस्ट्रेशन होगा. मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार ने रजिस्ट्रेशन कराने में सुविधा देने के लिए दिल्ली की 70 विधानसभा क्षेत्रों के 70 स्कूलों में 24 अगस्त से 11 सितंबर तक कैंप लगाने का फैसला लिया है. दिल्ली के निर्माण मजदूर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के संबंधित स्कूलों में जाकर निशुल्क रजिस्ट्रेशन के साथ ही आवेदन कर सकते हैं. श्रम मंत्री गोपाल राय का कहना है कि सभी जरूरी कागजात देने पर कैंप में ही फॉर्म भरे जांएगे. इससे मजदूरों को दफ्तर के चक्कर लगाने से छुटकारा भी मिलेगा.
दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान मजदूरों को दो महीने तक पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई. इसके अलावा मजदूरों को दूसरे कामों के लिए भी मदद दी जाती है. शादी, पढ़ाई, स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में सरकार मजदूरों की आर्थिक मदद करती है. किसी की दुर्घटना में मौत होने पर पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपये आर्थिक मुआवजा दिया जाता है. प्राकृतिक मौत होने पर एक लाख रुपये मिलते हैं. श्रम मंत्री गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली की सरकार हमेशा मजदूरों के कल्याण के लिए काम करती रही है. कोरोना वायरस के संकट के दौरान कई मजदूरों को काम से हाथ धोना पड़ा. अब सरकार ने विशेष रजिस्ट्रेशन कराने का फैसला लिया है. इसके जरिए मजदूरों को ना सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने का मौका मिलेगा, वो फॉर्म भी भर सकते हैं. खास बात यह है कि दिल्ली के अंदर कई तरह के मजदूर रहते हैं. अभियान में निर्माण मजदूर ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. ऑनलाइन या कैंप में रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों की उम्र 18 साल से लेकर 60 साल के बीच होनी चाहिए.
Posted : Abhishek.