दिल्‍ली के अस्‍पतालों में अब सबका होगा इलाज, LG ने केजरीवाल के फैसले को बदला

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी मरीज दिल्ली का निवासी नहीं होने की वजह से इलाज से वंचित नहीं हो.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2020 8:12 PM

नयी दिल्‍ली : दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज दो-दो बड़ेे झटकेे लगे. एक तो गले में खराश और बुखार के कारण उन्‍हें पृथक-वास में जाना पड़ा और अब वो मंगलवार को कोविड-19 की जांच करवाएंगे. दूसरी ओर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उनके उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें उन्‍होंने कहा था दिल्‍ली के अस्‍पतालों में अब केवल दिल्‍ली के कोरोना मरीजों का ही इलाज होगा. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी मरीज दिल्ली का निवासी नहीं होने की वजह से इलाज से वंचित नहीं हो.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगतीं दिल्ली की सीमाएं सोमवार से खोली जाएंगी और केंद्र संचालित अस्पतालों को छोड़कर दिल्ली के सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों में केवल राष्ट्रीय राजधानी के लोग ही इलाज करा सकेंगे.


दिल्‍ली के अस्‍पतालों में अब कोरोना के बिना लक्षण वाले का भी इलाज

दिल्ली के उप-राज्यपाल ने सिर्फ लक्षण वाले मरीजों के लिए कोरोना जांच के राज्य सरकार के फैसले को पलटा, कहा, बिना लक्षण वालों की भी जांच करायी जाए. दिल्ली के उपराज्यपाल ने आईसीएमआर दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया, कहा : कोविड मामलों में नौ श्रेणियों के लिए जांच अनिवार्य. दिल्ली उपराज्यपाल अनिल बैजल ने NCT ऑफ दिल्ली से संबंधित अधिकारियों और विभागों को निर्देश दिया है कि COVID-19 टेस्टिंग के लिए ICMR द्वारा 18 मई को जारी की गई नीति को NCT ऑफ दिल्ली में सख्ती से लागू किया जाए.

केजरीवाल ने क्‍या दिया था ऑर्डर

केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में जहां मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप खुलंगे, वहीं होटल तथा बैंक्वेट बंद रहेंगे क्योंकि दिल्ली सरकार को आगामी समय में इन्हें अस्पतालों में तब्दील करने की आवश्यकता पड़ सकती है.

केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, 90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ही इलाज हो. इसलिए, यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ही उपचार करेंगे.

उन्होंने कहा था कि यदि दूसरे शहरों के लोग विशिष्ट ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं तो उनका इलाज निजी अस्पतालों में होगा. मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली के बुनियादी ढांचे की इस समय कोरोना वायरस संकट से निपटने में आवश्यकता है.

गौतम गंभीर ने LG के फैसले का किया स्‍वागत, केजरीवाल के फैसले को बताया ‘मूर्खतापूर्ण’

टीम इंडिया के पूर्व खब्‍बू बल्‍लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल के फैसले का स्‍वागत किया है. गंभीर ने ट्वीट कर उपराज्‍यपाल के फैसले का समर्थन करते हुए केजरीवाल सरकार पर हमला किया. उन्‍होंने लिखा, दिल्ली सरकार द्वारा अन्य राज्यों के रोगियों का इलाज नहीं करने के मूर्खतापूर्ण आदेश को खत्म करने का जो आदेश उपराज्‍यपाल ने सुनाया है वह स्‍वागत योग्‍य कदम है. गंभीर ने आगे लिखा, भारत एक है और हमें मिलकर कोरोना महामारी से लड़ना है.


दिल्‍ली में बाहरियों के इलाज पर बैन वाले फैसले पर केजरीवाल सरकार की हुई आलोचना

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कोरोना संकट के दौरान अपने यहां के अस्पतालों को केवल दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित करने के फैसले की जमकर आलोचना हुई. भाजपा सहित सभी पार्टियों ने इस फैसले को सही नहीं माना. इधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कोरोना संकट के दौरान अपने यहां के अस्पतालों को केवल दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित करने के फैसले की निंदा करते हुए केंद्र से इसमें हस्तक्षेप की मांग की है.

मायावती ने सोमवार को एक ट्वीट में केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा दिल्ली देश की राजधानी है. यहां पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है, दिल्ली सरकार क्या उसका इलाज नहीं होने देगी? यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.

Posted By : arbind kumar mishra

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