क्या बंद हो जाएगी दिल्लीवालों की बिजली सब्सिडी ? LG ऑफिस और दिल्ली सरकार के बीच तकरार

दिल्ली की आम आदमी पार्टी और LG के बीच सब्सिडी को लेकर तकरार जारी है. एलजी ऑफिस के एक सूत्र ने आरोप लगाया कि- गरीब लोगों के नाम पर निजी डिस्कॉम को लाभ पहुंचाने और अनुचित वित्तीय मदद प्रदान करने के मामले में रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद आप सरकार और उसके नेता निराधार, झूठे और भ्रामक बयान दे रहे हैं.

By Vyshnav Chandran | March 26, 2023 1:51 PM
an image

Delhi: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और LG के बीच बिजली सब्सिडी को लेकर बीते कुछ समय से तकरार चल रही है. यह तकरार थमने का नाम ही नहीं ले रही है. एलजी ऑफिस के एक सूत्र ने मामले की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि- गरीब लोगों के नाम पर सरकार निजी डिस्कॉम्स को फायदा पहुंचा रही है. आगे बताते हुए उन्होंने बताया कि- निजी डिस्कॉम को फायदा पहुंचाने और गलत वित्तीय मदद प्रदान करने के मामले में रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार और उसके नेता निराधार, झूठे और भ्रामक बयान दिए जा रहे हैं. आगे बताते हुए सूत्र ने कहा कि- मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ दिल्ली एलजी विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी, सौंपी गयी इस रिपोर्ट में बताया गया था कि बिजली विभाग डिस्कॉम को दी जा रही सब्सिडी पर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की वैधानिक सलाह का पालन नहीं कर रहा.

क्या बंद हो जाएगी सब्सिडी?

एलजी ऑफिस के सूत्र ने मामले पर रोशनी डालते हुए बताया कि- अगर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के द्वारा लागू किये गए नियमों का पालन किया जाता है तो ऐसे हालात में दिल्ली सरकार के 300 करोड़ रुपये बचेंगे. लेकिन, अब जबकि उनका घोटाला उजागर हो गया है और सभी के सामने आ गया है तो वे किसी भी तरह से लोगों की नजर में खुद को उठाने की कोशिश कर रहे हैं. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि- एलजी ने अपने किसी भी मैसेज में आम आदमी पार्टी सरकार को कंज्यूमर्स को दी गयी सब्सिडी वापस लेने के लिए कहने जैसा कोई भी सुझाव नहीं दिया है.

Also Read: अमृतपाल सिंह पर अरविंद केजरीवाल का निशाना, बोले- पंजाब सरकार कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेगी
तत्कालीन ऊर्जा मंत्री का आदेश एकतरफा

सूत्र ने आगे दावा करते हुए कहा कि- तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने एकतरफा रूप से दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के निर्देशों का पालन नहीं करने का निर्णय लिया और डिस्कॉम को अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये का पेमेंट करना भी जारी रखा. उन्होंने बताया कि एलजी ने बार-बार निजी बिजली कंपनियों के बजाय गरीबों को सब्सिडी देने के लिए कहा है, जो भी इसके लिए हकदार हैं. तात्कालिक ऊर्जा मंत्री पर बात करते हुए सूत्र ने बताया कि वे इस निर्णय को लेने के लिए अधिकृत नहीं थे. इस फैसले को लेने का अधिकार सिर्फ कैबिनेट के पास था.

कैबिनेट को मामले पर फैसला लेने के लिए कहा

एलजी ने अपने एक नोट में सीएस से इस उल्लंघन को उनके ध्यान में लाने और कैबिनेट को इस मामले पर फैसला लेने के लिए भी कहा है. बिजली मंत्री आतिशी पर कटाक्ष करते हुए सूत्र ने बताया कि वह एलजी के खिलाफ निराधार और झूठे स्टेटमेंट देने के बजाय सीएम से रिपोर्ट की कॉपी मांग सकती हैं. सूत्र ने आगे बताया कि- सीएम एलजी पर हमला करने के स्थान पर उनके पास पहले से ही मौजूद रिपोर्ट देख सकते हैं. केवल यहीं नहीं वे तत्कालीन बिजली मंत्री के तरफ से किये गए उल्लंघनों पर ध्यान दें और कैबिनेट मीटिंग के माध्यम से इसे ठीक करने का प्रयास करें.

Exit mobile version