LG vs CM Atishi: सीएम आतिशी के पत्र का LG ने दिया जवाब, कहा- धार्मिक स्थलों को लेकर ऐसा कोई आदेश दिया ही नहीं

LG vs CM Atishi: दिल्ली की सीएम आतिशी ने धार्मिक स्थलों को गिराने के धार्मिक समिति के आदेश के खिलाफ एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखा. आतिशी ने कहा कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती है. वहीं एलजी ने इसके जवाब में पत्र लिखकर कहा कि ऐसा कोई आदेश दिया ही नहीं है.

By Pritish Sahay | December 31, 2024 8:37 PM

LG vs CM Atishi: दिल्ली की सीएम आतिशी के पत्र पर एलजी सचिवालय ने जवाब दिया है. सचिवालय ने अपने पत्र में कहा है कि “न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य पूजा स्थल को तोड़ा या ध्वस्त किया जा रहा है, और न ही इससे मतलब की कोई फाइल आई है. एलजी वीके सक्सेना की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि सीएम अपने और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए घटिया राजनीति कर रही हैं. पत्र में यह भी लिखा गया है कि यदि ऐसा है तो पुलिस को उन ताकतों के खिलाफ अतिरिक्त निगरानी रखने के सख्त निर्देश दिए गए है, जो राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर बर्बरता कर सकते हैं. निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है, जैसा कि हाल ही में क्रिसमस समारोह के दौरान देखा गया था कोई अप्रिय घटना नहीं देखी गई.”

सीएम आतिशी एलजी वीके सक्सेना को लिखा था पत्र

इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखा था. आतिशी ने लिखा था कि मंदिरों और बौद्ध संरचनाओं को ध्वस्त करने से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है. सीएम आतिशी ने कहा है कि एलजी साहब के आदेशानुसार मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम आतिशी ने दावा किया है कि धार्मिक कमेटी ने बिना मुख्यमंत्री को दिखाए धार्मिक स्थल तोड़ने की फाइल एलजी को भेजी है.

दिल्ली LG ने पहले भी लिखा था सीएम आतिशी को पत्र

दिल्ली के एलजी और सीएम आतिशी के बीच पत्र के जरिये आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आतिशी को अस्थायी सीएम कहने पर आपत्ति जताई थी. एलजी ने पत्र में लिखा था कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से मीडिया के सामने सीएम आतिशी को अस्थायी मुख्यमंत्री कहा है. एलजी सक्सेना ने कहा इससे मेरी भावनाएं आहत हुई हैं. यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान था.

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