Delhi Liquor Scam:दिल्ली आबकारी नीति में आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख रहे विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है. करीब 23 महीने बाद नायर जेल से बाहर आयेंगे. इससे पहले आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया और के कविता को जमानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भी जमानत मिलने की संभावना बढ़ गयी है. केजरीवाल के जमानत पर पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. न्यायाधीश हृषिकेश रॉय और न्यायाधीश एसएनवी भट्टी की पीठ ने नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय बार-बार अदालत को आश्वासन देने के बाद भी समय पर ट्रायल पूरा करने में असमर्थ रहा है. अभी इस मामले में 350 गवाहों से पूछताछ होना बाकी है. पीठ ने कहा कि जब मनीष सिसोदिया मामला अदालत के समक्ष आया तो जांच एजेंसी ने 6-8 महीने में ट्रायल पूरा होने की बात कही, लेकिन अभी तक ट्रायल शुरू भी नहीं हो पाया है. वे पिछले 23 महीने से जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ जांच के आधार पर लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है. पीठ ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आजादी मौलिक अधिकार है और विशेष कानून के तहत भी इसका सख्ती से पालन होना चाहिए. अदालत ने कहा कि सिसोदिया और के कविता को जिन शर्तों के आधार पर जमानत मिली है, नायर के मामले में वह लागू होगा.
प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत का किया विरोध
जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 45 के तहत जमानत देने के सख्त प्रावधान है. विजय नायर मामले की तुलना के कविता से नहीं की जा सकती है क्योंकि शीर्ष अदालत ने महिला होने के नाते कविता को जमानत दिया है. वहीं नायर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे पिछले 23 महीने से जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है और इस मामले में अधिकतम सजा सात साल की है. ऐसे ही मामले में मनीष सिसोदिया और के कविता को जमानत मिल चुकी है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने जमानत देने का आदेश दिया.