Delhi Municipal Corporation Bill राज्यसभा ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 आज ध्वनिमत से पारित कर दिया. इसी के साथ इस बिल पर संसद की मुहर लग गयी है. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है. बता दें कि इस बिल में दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण का प्रस्ताव है.
वहीं, राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह एमसीडी संशोधन बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिस प्रकार का सौतेला व्यवहार आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने तीनों निगमों के साथ किया है. उसके कारण दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 लेकर आना पड़ा. हमसे दुश्मनी हो सकती है, लेकिन दिल्ली की जनता से क्या दुश्मनी है?
राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 239 (AA) के तहत प्रदत्त अधिकार के माध्यम से लाया गया है, जिसमें कहा गया है कि संसद को दिल्ली के संघ राज्य क्षेत्र से जुड़े किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है. उन्होंने कहा कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है और केंद्र सरकार किसी पूर्ण राज्य के संबंध में विधेयक यहां नहीं ला सकती. इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा में कई विपक्षी सदस्यों ने विधेयक पेश करने के केंद्र सरकार के अधिकार को लेकर सवाल उठाए थे और इसे संघीय ढांचे पर प्रहार करार दिया था.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस विधेयक को पूरी तरह से संविधान प्रदत्त तरीके से लाया गया है और यह राज्य के अधिकार का किसी प्रकार से अतिक्रमण नहीं है. आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अगर यही रवैया रहा तो नगर निगम में जीतने का दावा करते करते वह दिल्ली की सरकार न गंवा दें. उन्होंने दिल्ली की आप सरकार पर तीन नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह निगमों को प्रताड़ित कर रही है और इससे दिल्ली की जनता प्रताड़ित हो रही है. उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि यदि दिल्ली नगर निगम के चुनाव छह महीने बाद हों तो क्या उन्हें चुनाव हारने का डर है?
लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के पांचवें वित्त आयोग ने तीन निगमों को करीब 40,500 करोड़ रुपये देने की अनुशंसा की थी, लेकिन केजरीवाल सरकार ने उसमें काफी कटौती कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम की कई महत्वपूर्ण सिफारिशों को दिल्ली सरकार ने नहीं माना, उनके कई अनुरोधों को खारिज कर दिया. अमित शाह ने कहा कि ऐसे में निगम कैसे काम करेंगे.