दिल्ली में आज फिर टला एमसीडी महापौर का चुनाव, एल्डरमैन के मताधिकार पर ‘आप’ का विरोध
एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी.
नई दिल्ली : दिल्ली में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) महापौर का चुनाव सोमवार को एक बार फिर टल गया है. इससे पहले महापौर चुनने की दो कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं. दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत महापौर और उप महापौर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए. हालांकि, नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक शहर को नया महापौर नहीं मिला है. दिल्ली नगर निगम के सदन की कार्यवाही एक महीने में तीसरी बार महापौर का चुनाव कराए बिना स्थगित हो गई है.
एल्डरमैन के मताधिकार पर आप का विरोध
एमसीडी के पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा कि महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव एक साथ होंगे. उन्होंने कहा कि बुजुर्ग चुनाव में भाग लेंगे. आप के नेता मुकेश गोयल ने एल्डरमेन को टिंग अधिकारों पर आपत्ति जताते हुए इसे डीएमसी एक्ट का उल्लंघन बताया. भाजपा पार्षदों ने चुनाव कराने की मांग की, तो एमसीडी सदन में नारेबाजी शुरू हो गई, जबकि आप ने एल्डरमैन के मताधिकार का विरोध किया.
आम आदमी पार्टी ने उतारे दो-दो उम्मीदवार उतारे
आम आदमी पार्टी ने महापौर पद के लिए शैली ओबेरॉय और आशु ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. ओबेरॉय आप के मुख्य दावेदार हैं. भाजपा ने रेखा गुप्ता को मैदान में उतारा है. उपमहापौर पद के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से मोहम्मद इकबाल और जलज कुमार को मैदान में उतारा गया है, जबकि भाजपा ने कमल बागरी को उम्मीदवार बनाया है.
सदन स्थगित होने पर केजरीवाल जिम्मेदार : भाजपा
दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कथित तौर पर पलटवार करते हुए कहा कि यह आप है, जिसने अपने पार्षदों को ऐसा करने के लिए कहा है. सदन स्थगित होने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार होंगे. भाजपा नेता ने कहा कि आप को अपने बहुमत पर भरोसा नहीं है और उसने अपने पार्षदों को निर्देश दिया है कि किसी भी मुद्दे पर हंगामा करके सदन को स्थगित कर दिया जाए. अगर सदन आज स्थगित हो जाता है, तो इसके लिए अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार होंगे.
6 और 24 जनवरी को कोशिश हुई नाकाम
इससे पहले, एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी. भाजपा एमसीडी चुनाव में करारी हार के बावजूद महापौर चुनाव के लिए मैदान में अपने उम्मीदवार को उतारे हुई है.
आम आदमी पार्टी का हंगामा
पिछले साल चार दिसंबर को संपन्न चुनाव के बाद 250 सदस्यीय निकाय के पहले सत्र में कोई कामकाज नहीं हो पाया था. दूसरे सत्र में नामांकित सदस्यों के शपथ लेने के बाद निर्वाचित पार्षदों ने शपथ ली. हालांकि, इसके बाद पीठासीन अधिकारी एवं भाजपा पार्षद सत्या शर्मा ने कार्यवाही को अगली तारीख के लिए स्थगित कर दिया. भाजपा के सदस्यों ने सदन के बाहर ‘आप’ और (दिल्ली के मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं ‘आप’ के सदस्यों ने सदन में करीब पांच घंटे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
आम आदमी पार्टी का भाजपा पर आरोप
निकाय सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राज्यसभा सदस्य संजय सिंह सहित ‘आप’ के नेताओं ने दावा किया कि महापौर का चुनाव नहीं होने दिया जा रहा और भाजपा ‘‘लोकतंत्र का गला घोटकर खतरनाक परंपरा शुरू कर रही है. एमसीडी चुनाव में ‘आप’ 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं.
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स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव
‘आप’ ने महापौर के पद के लिए शैली ओबेरॉय और भाजपा ने रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है. उप महापौर के लिए ‘आप’ और भाजपा ने क्रमश: आले मोहम्मद इकबाल और कमल बागड़ी को मैदान में उतारा है. इनके साथ ही आज एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव होने की संभावना है.