AAP नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और ED से मांगा जवाब
दिल्ली के आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. SC ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है.
AAP Leader Sanjay Singh: दिल्ली के आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है. बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना और SVN भट्टी की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 11 दिसंबर, 2023 तक संजय सिंह की गिरफ्तारी याचिका के संबंध में केंद्र और ईडी से जवाब मांगा है.
सुप्रमी कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने आदेश दिया है कि अगर संजय सिंह अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर करते हैं तो इसे दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अक्टूबर के फैसले में की गई टिप्पणी से स्वतंत्र माना जाना चाहिए. बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
वहीं, उच्च न्यायालय ने अपने पहले के आदेश में मामले में उनकी गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह रिकॉर्ड पर सामग्री के अभाव में एक प्रमुख जांच एजेंसी पर राजनीतिक मकसद का आरोप नहीं लगा सकता है. ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर द्वारा शुरू की गई जांच के आधार पर संजय सिंह और कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला बना रही है.
बता दें कि सीबीआई और ईडी के अनुसार अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया था. इसी मामले में संजय सिंह को जांच के बाद ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो AAP सरकार के लिए विवाद और राजनीतिक युद्ध का दंश बन गया है.