राष्ट्रीय राजधानी इन दिनों बढ़ते कोरोना संक्रमण, बढ़ते वायु प्रदूषण और बढञते ठंड स्थिति खराब होती दिख रही है. कुछ इलाकों में तो वायु गुणवत्ता खराब से भी निचले स्तर पर पहुंच गया है. इसके कारण हालात और भी खराब हो गये हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक गुरुवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 365 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के मानकों के लिहाज से बेहद ही खराब है.
बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली वासियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही उन्हें कहा गया है कि ऐसा कोई भी कार्य नहीं करें जिससे पर्यावरण में प्रदूषण का खतरा हो. हालांकि दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं.
दिल्ली में गुरूवार के वायु गुणवत्ता की बात करें तो डिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 के स्तर पर दर्ज किया गया. जबकि नोएडा में एक्यूआई 487 दर्ज किया गया. दोनों ही जगहों की एक्यूआई खतरनाक स्तर से उपर हैं, जो काफी नुकसानदायक माना जाता है. वहीं पूसा में एक्यूआई 365 और आईआईटी दिल्ली में एक्यूआई 366 दर्ज किया गया. यह भी खराब श्रेणी में ही माना जाता है.
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मोबाइल ऐप ‘समीर’ के मुताबिक दिल्ली का एक्यूआई बुधवार को 401 दर्ज किया गया था जो शाम तक और खराब हो गया और 415 दर्ज किया गया. जबकि मंगलवार को शहर को एक्यूआई 388, सोमवार को 302 और रविवार 274 था.
दिल्ली में 15 नवंबर को एक्यूआई बेहद गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया था. जबकि 22 नंवबर तक हवा की गुणवत्ता खराब और मध्यम स्तर में रही. इतना ही नहीं दिल्ली से सटे एनसीआर में भी वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया. प्रदूषण विशेषज्ञ लगातार दिल्ली के आसपास के शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं.
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अच्छा माना जाता है. जबकि 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’ माना जाता है और 101 से 200 के बीच ‘मध्यम श्रेणी में आता है. 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘अत्यंत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई अत्यंत ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
Posted By: Pawan Singh