नयी दिल्ली : दिल्ली – एनसीआर के इलाकों में बहुत कम दिनों में चौथी बार भूकंप का झटका महसूस किया गया है. इस बार जो झटका महसूस किया गया उसकी तीव्रता 4.6 मापी गयी है. इस बार एक बार नहीं थोड़ी- थोड़ी देर में दो बार यह झटका महसूस किया गया. इससे पहले 10 मई को यह झटका महसूस किया गया था इसके पहले 12 और 13 अप्रैल को भूकंप के झटके इन इलाको में आये थे.
10 मई को दोपहर लगभग 1 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया था जिसकी तीव्रता 3.5 मापी गयी थी.इसका केंद्र वजीरपुर के पास बताया गया था. 12 अप्रैल को भूकंप की तीव्रता 3.5 थी. 13 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट पर भूकंप आया था जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गयी थी.
धरती के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. ज्यादा दबाव बनने लगता है तो प्लेट्स टूट जाती है जिससे एनर्जी बाहर आती है इसी के बाद भूकंप आता है. भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप के झटके महसूस होते रहते है. टेक्टॉनिक प्लेटों में टक्कर के कारण ही भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर भूकंप आते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि भूजल में कमी से टेक्टॉनिक प्लेटों की गति में धीमी हुई है.
दिल्ली – एनसीआर में आ रहे भूकंप के झटकों से क्या डरने की जरूरत है. आप जब भी याद करते होंगे गुजरात का भूकंप और नेपाल में आया भूकंप आपको अक्सर याद आता होगा. क्या दिल्ली एनसीआर में आ रहे इस भूकंप को गंभीरता से लेने की जरूरत है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के हेड (ऑपरेशंस) जे एल गौतम ने इस संबंध में टाइम्स ऑफ इडिया से बातचीत की थी जिसमें उन्होंने कहा था, भूकंप फॉल्ट-लाइन प्रेशर की वजह से आए, ऐसा नहीं लगता है.
उन्होंने कहा, “इन लोकल और कम तीव्रता वाले भूकंपों के लिए, फॉल्ट लाइन की जरूरत नहीं है. धरातल के नीचे छोटे-मोटे एडजस्टमेंट्स होते रहते हैं और इससे कभी-कभी झटके महसूस होते हैं. पूरे भारत में 4 जोन है जहां खतरा ज्यादा है. विशेषज्ञों की मानें तो यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है. पांचवे जोन में भूकंप की तीव्रता 9 तक हो सकती है.