मई में ही दिल्ली में जलमग्न हुई सड़कें, बारिश ने तोड़ा पिछले 35 साल का रिकॉर्ड
चक्रवाती तूफान ताऊ ते के प्रभास से दिल्ली में बुधवार को तापमान में 23.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आयी. यह सामान्य से 16 डिग्री सेल्सियस कम था. 1951 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब मई के महीने में दिल्ली के तापमान में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. इस गिरावट के साथ दिल्लीवासियों को गर्मी और लू से राहत मिली है.
चक्रवाती तूफान ताऊ ते के प्रभास से दिल्ली में बुधवार को तापमान में 23.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आयी. यह सामान्य से 16 डिग्री सेल्सियस कम था. 1951 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब मई के महीने में दिल्ली के तापमान में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. इस गिरावट के साथ दिल्लीवासियों को गर्मी और लू से राहत मिली है.
दरअसल तूफान के प्रभाव से दिल्ली में भारी बारिश हुई. मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में बुधवार रात 8.30 बजे तक 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी है. जो 35 वर्षों में मई के महीने में 24 घंटे के अंदर हुई सबसे अधिक वर्षा है. इससे पहले दिल्ली में 24 मई 1976 को 24 घंटे में 60 मिमी बारिश दर्ज की गयी थी. रात भर हुई बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि चक्रवात ताऊ ते के प्रभाव के कारण हुई बारिश शहर के कुछ हिस्सों में गुरुवार दोपहर तक जारी रह सकती है.पूरे शहर के लिए आधिकारिक मापक माने जाने वाले सफदरजंग मौसम स्टेशन पर लगातार बारिश के कारण अधिकतम तापमान के पारे में तेज गिरावट आयी. तापमान सामान्य से से 16 डिग्री नीचे 23.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. इस वर्ष दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 21.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था. पालम ऑब्जर्वेटरी में अधिकतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से 15 डिग्री कम है. यहां का न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस रहा.
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि दिल्ली में मई के महीने में गर्मी रहती है. आम तौर पर, दिल्ली में इस महीने में अधिकतम 30 मिमी या 40 मिमी (24 घंटे बारिश) होती है. बारिश केवल एक घंटे या उससे कम समय तक चलती है. पर ताऊ ते के प्रभाव के कारण इस बार बारिश 60 मिमी को पार चली गयी.
वहीं 24 घंटे के दौरान पालम, एसपीएस मयूर विहार और नजफगढ़ में 36.8 मिमी, 39.5 मिमी और 57 मिमी बारिश दर्ज की गई. 15 मिमी से नीचे दर्ज की गई वर्षा को हल्की माना जाता है, 15 से 64.5 मिमी के बीच मध्यम, 64.5 मिमी और 115.5 मिमी के बीच भारी, 115.6 और 204.4 के बीच बहुत भारी होती है. 204.4 मिमी से ऊपर की कोई भी चीज़ अत्यधिक भारी वर्षा मानी जाती है.
Posted By: Pawan Singh