Delhi: बंगला बनाने के लिए स्मारक तोड़े जाने पर IAS अधिकारी को नोटिस, दो हफ्ते के अंदर देना होगा जवाब

जिस स्मारक को तोड़कर बंगला बनाया गया है वह 15वीं शताब्दी का स्मारक बताया जा रहा है. इस मामले को लेकर दिल्ली के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने आईएएस अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. जवाब देने के लिए अधिकारी को दो हफ्तोँ का समय दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2023 12:06 PM

Show Cause Notice to IAS Officer: दिल्ली के जल विहार से खबर आ रही है कि यहां एक पुराना महल तुड़वाकर बंगला बनवाया गया है. जिस महल को तोड़कर यह बंगला बनाया गया है वह 15वीं शताब्दी की थी. सामने आयी जानकारी के मुताबिक जल बोर्ड के पूर्व चीफ उदित प्रकाश राय के परिवार का इसपर कब्ज़ा था. मामले में दिल्ली सरकार की विजिलेंस डिपार्टमेंट के तरफ से IAS अधिकारी लिए नोटिस भी जारी की गयी है. उन पर महल को विध्वंस करने की सुविधा देने और बंगला बनने के बाद इसे खुद को आवंटित करने का आरोप लगाया गया है.

पठान काल का था महल

सामने आयी जानकारी के मुताबिक यह स्मारक पठान काल का एक महल था और यह सैय्यद वंश के खिज्र खान द्वारा स्थापित खिजराबाद शहर का एकमात्र अवशेष है. जानकारी के लिए बता दें यह दिल्ली जल बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आता था. रिपोर्ट्स की अगर माने तो दिसंबर 2020 में पुरातत्व विभाग ने 15वीं शताब्दी बने पठान काल महल का दौरा किया था. जिसके बाद पुरातत्व विभाग ने दिल्ली जल बोर्ड को एक चिट्ठी लिखकर स्मारक को बचाने के लिए उसका अधिकार देने की बात कही थी. पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में बताया गया था कि उस वक्त वहां दो इमारतें मौजूद थीं. एक महल की मुख्य इमारत और एक एंट्री गेट.

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पुरातत्व विभाग ने दोबारा किया दौरा

साल 2023 के जनवरी महीने में पुरातत्व विभाग ने एक बार फिर इस स्मारक का दौरा किया था. लेकिन, इस दौरान उन्होंने पाया की वहां पर सिर्फ एंट्री गेट ही मौजूद है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महल की मुख्य इमारत की जगह वहां एक सरकारी आवास बना दिया गया था. विजिलेंस डिपार्टमेंट के नोटिस में कहा गया कि पठान काल का महल कथित तौर पर दिल्ली जल बोर्ड के CEO उदित प्रकाश राय के कहने पर गिराया गया था और इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर्स की मदद भी ली गई थी.

नोटिस का जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय

2007 बैच के आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय की पोस्टिंग फिलहाल मिजोरम हैं. जारी किये गए नोटिस में ये भी बताया गया कि उदित राय को इस बात की पूरी जानकारी थी कि यह महल एक ऐतिहासिक स्मारक है बंग्ला खाली करने के नोटिस के बावजूद उनका परिवार इस बंगले में रह रहा है. विजिलेंस डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किये गए नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें दो हफ्ते का समय दिया गया है.

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