Delhi: सड़क बनाने के लिए खुदाई के दौरान मिली अलाउद्दीन खिलजी वंश की सुरंग
अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में अब आगे की खुदाई नहीं की जाएगी और ढांचे को भी इसी तरह रखा जाएगा. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि इस सुरंग का सामने वाला हिस्सा ही काफी चौंकाने वाला है और इसीलिए हमने इसे विजिटर्स के देखने के लिए छोड़ दिया है.
दिल्ली के सीरी किला के पास स्थित चिल्ड्रन म्यूजियम के समीप भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 13वीं या फिर 14वीं शताब्दी की एक गुप्त सुरंग हाथ लगी है. सुरंग की जानकारी देते हुए आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया कि यह सुरंग खिलजी वंश के दौरान बनायी गयी थी. एएसआई ने जानकारी देते हुए बताया कि सीरी फोर्ट के समीप रास्ते को लेकर खुदाई के दौरान इस खुफिया सुरंग का पता चला है. एएसआई के मुताबिक विजिटर्स की सुविधा के लिए सामने वाले गेट को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए एक अस्थायी मार्ग का निर्माण किया जा रहा था और इसी मार्ग को लेकर खुदाई की जा रही थी. खुदाई के दौरान अचानक से धनुषाकार संरचना वाले सुरंग का पता चला. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि, जैसे ही हमने धनुषाकार संरचना वाले सुरंग का सामने का हिस्सा देखा हमने खुदाई पर रोक लगा दी.
आगे नहीं होगी खुदाई
अधिकारियों ने आगे बताया कि इस इलाके में अब आगे की खुदाई नहीं की जाएगी और ढांचे को भी इसी तरह रखा जाएगा. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि इस सुरंग का सामने वाला हिस्सा ही काफी चौंकाने वाला है और इसीलिए हमने इसे विजिटर्स के देखने के लिए छोड़ दिया है. सुरंग पर बात करते हुए अधिकारियों ने बताया कि यह सुरंग जिस तरह की है उसे आज के समय में बनाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. एएसआई दिल्ली सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् प्रवीण सिंह ने बताया कि हम सामने के गेट से मेन सड़क तक एक चार मीटर चौड़ा रास्ता बना रहे थे और इसी दौरान हमें यह धनुषाकार जैसी संरचना दिखाई दी.
किस ओर जाती है सुरंग इसकी जानकारी फिलहाल नहीं
अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सुरंग जैसी संरचना किस ओर जाती है. खोज के बारे में सीनियर अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और हायर ऑफिशियल्स से मंजूरी मिलने पर आगे की खुदाई की जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि सुरंग जैसी संरचना एक टीले पर मौजूद है जो जमीन से करीब एक मीटर की ऊंचाई पर है. अधिकारियों ने कहा कि बच्चों के म्यूजियम के निर्माण के दौरान, उसी क्षेत्र में मिट्टी के बर्तनों के कई अवशेष पाए गए, जो खिलजी वंश काल के भी हैं.