Delhi NIA Court: दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने PFI से जुड़े 19 आरोपियों की रिमांड 5 दिन बढ़ाई
Delhi NIA Court: 22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा की गई छापेमारी में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
Delhi NIA Court: दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 19 आरोपियों की रिमांड 5 दिन और बढ़ा दी है. पीएफआई आरोपियों की चार दिन की रिमांड खत्म होने पर सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. बता दें कि 22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा की गई छापेमारी में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
पीएफआई के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
बता दें कि एनआईए और ईडी ने दिल्ली, यूपी, एमपी, तमिलनाडु, केरल समेत देश के अन्य राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया. केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से की गई यह कार्रवाई पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है.
Delhi's NIA Court extends remand of 19 accused associated with PFI, by 5 more days. They were produced before court at the end of their 4-day remand.
Over 106 PFI members were arrested in multiple raids carried out by a jt team of NIA, ED & police across 11 states on Sept 22.
— ANI (@ANI) September 26, 2022
आरोपियों पर लगे गंभीर आरोप
वहीं, पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पीएफआई और उसके गिरफ्तार नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. एजेंसी ने दावा किया कि छापे के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों में एक विशेष समुदाय के प्रमुख नेताओं को लक्षित करने वाली अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री पाई गई है. एनआईए ने कोर्ट में आरोपियों की कस्टडी की मांग करते हुए बताया था कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, इस्लामिक स्टेट (IS) और अल-कायदा सहित आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है.
विदेश से हो रही थी फंडिंग
ईडी ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों को पीएफआई के अन्य सदस्यों, हवाला, बैंकिंग चैनलों आदि के माध्यम से उन्हें फंड उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसका इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों और अपराधों को अंजान देने के लिया गया है. एजेंसी ने बताया कि पीएफआई के पदाधिकारियों की साजिश के तहत सालों से विदेश से फंड ट्रांसफर गुप्त या अवैध चैनल के जरिए किया जा रहा था.