Coaching Centre Incident: बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत पर बवाल, LG ने मांगी रिपोर्ट, कहा- दोषियों को मिलेगी कड़ी सजा

Coaching Centre Incident: दिल्ली में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई. इस मामले को लेकर बवाल जारी है. उपराज्यपाल ने रिपोर्ट मांगी है और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही है.

By ArbindKumar Mishra | July 29, 2024 7:22 AM

Coaching Centre Incident: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को संभागीय आयुक्त को राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर की घटना पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. एलजी ने घटना को लेकर कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, यह घटना संबंधित एजेंसियों द्वारा आपराधिक लापरवाही और बुनियादी रखरखाव में कमी की ओर इशारा करती है. सक्सेना ने कहा कि वह सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत की घटना से बहुत दुखी हैं. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, भारत की राजधानी में ऐसा होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है. पिछले कुछ दिनों में बिजली का करंट लगने से सात अन्य नागरिकों की मौत की खबर है. जिन लोगों की जान गई है, उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.

जिन लोगों की जान गई है और उनके दोषियों को सजा दी जाएगी

एलजी वीके सक्सेना ने कहा, वह स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं. ये घटनाएं स्पष्ट रूप से आपराधिक लापरवाही और संबंधित एजेंसियों और विभागों द्वारा बुनियादी रखरखाव और प्रबंधन में विफलता की ओर इशारा करती हैं. पिछले एक दशक से दिल्ली में व्याप्त कुशासन की व्यापक दुर्दशा को दर्शाती है. उन्होंने कहा, तीन छात्रों की मौत के पीछे जो कोई भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कांग्रेस ने बताया मानव निर्मित त्रासदी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग संस्थान की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने के कारण सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यार्थियों की मौत पर रविवार को शोक जताया. राहुल गांधी ने कहा कि आम लोग असुरक्षित निर्माण, खराब नगर नियोजन और हर स्तर पर संस्थानों के गैर-जिम्मेदाराना रुख की कीमत अपनी जान गंवाकर चुका रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा कहते हैं, यह मानव निर्मित त्रासदी है. यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है. बेसमेंट में कोचिंग सेंटर कैसे चल रहा था? क्या उनके पास लाइसेंस था? क्या उनके पास एमसीडी के सारे कागज़ात थे? इन सवालों के जवाब हमें नहीं मिले हैं. एक-दूसरे पर सवाल उठाना और आरोप-प्रत्यारोप लगाना बहुत आसान है, लेकिन इसमें आम आदमी को नुकसान हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी असंवेदनशील सरकार बेहद गलत है, चाहे वह एमसीडी हो या सरकार.

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