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Delhi Pollution: प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, स्कूल बंद करने और GRAP- 4 सख्ती से लागू करने का निर्देश

Delhi Pollution: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण ने केंद्र और राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इस मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई.

Delhi Pollution: दिल्ली प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-4 को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने GRAP चरण 4 के तहत आवश्यक कार्यों की निगरानी के लिए तत्काल टीमों का गठन करने का भी निर्देश दिया.

स्कूल बंद करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में कक्षा 12वीं तक स्कूल बंद करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली और एनसीआर के राज्यों से 12वीं कक्षा तक ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित करने पर पुनर्विचार करने को कहा.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनुमति के बिना GRAP-4 में ढील न दी जाए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से नीचे चला जाता है, तब भी हम चौथे चरण के तहत उठाए जाने वाले निवारक उपायों में ढील नहीं आने देंगे. चौथा चरण तब तक लागू रहेगा, जब तक न्यायालय इसमें ढील की अनुमति नहीं देता. कोर्ट ने GRAP-4 लागू करने में देरी के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को कड़ी फटकार लगाई.

GRAP-4 लागू करने को लेकर दिल्ली सरकार ने क्या कहा?

दिल्ली सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ से कहा कि GRAP का चौथा चरण सोमवार से लागू कर दिया गया है और भारी वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सरकार के इस बयान पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, जैसे ही एक्यूआई 300 से 400 के बीच पहुंचता है, तो चौथा चरण लागू करना पड़ता है. आप GRAP के चौथे चरण को लागू करने में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं.

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कोर्ट ने सरकार से पूछा प्रदूषण रोकने के लिए आपने क्या किया?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आतिशी सरकार से कहा कि अदालत जानना चाहती है कि उसने प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, प्रदूषण स्तर में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने जीआरएपी के विभिन्न चरण लागू करने के बजाय मौसम की स्थिति में सुधार का इंतजार किया. दिल्ली सरकार से कोर्ट ने कहा, नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें, यह सुनिश्चित करना सभी राज्यों का संवैधानिक दायित्व है.

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