दिल्ली : प्रगति मैदान लूट मामले में 7 लोग गिरफ्तार, सट्टेबाजी में गंवाया पैसा तो बनायी लूट की योजना
प्रगति मैदान सुरंग में एक डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी से बंदूक दिखाकर लूटपाट करने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले शनिवार को लूट की इस घटना को उस समय अंजाम दिया गया था, तब दोनों नकदी पहुंचाने के लिए कैब से गुरुग्राम जा रहे थे.
Delhi Pragati Maidan Loot Case: प्रगति मैदान सुरंग में एक डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी से बंदूक दिखाकर लूटपाट करने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल सवार चार बदमाश चांदनी चौक स्थित ओमिया इंटरप्राइजेज के डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी की कैब को रोककर बंदूक के दम पर दोनों से लगभग दो लाख रुपये की नकदी से भरा बैग लूटते नजर आए थे. पिछले शनिवार को लूट की इस घटना को उस समय अंजाम दिया गया था, तब दोनों नकदी पहुंचाने के लिए कैब से गुरुग्राम जा रहे थे.
गुरुवार और शुक्रवार को की थी रेकी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्राथमिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने गुरुवार और शुक्रवार को रेकी भी की थी. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में उस्मान अली उर्फ कल्लू, इरफान, अनुज मिश्रा उर्फ सनकी, कुलदीप उर्फ लंगड़, सुमित उर्फ आकाश, प्रदीप उर्फ सोनू और अमित उर्फ बाला शामिल हैं. विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने कहा कि कई स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा गया है.
बैंकों से कर्ज और क्रिकेट सट्टेबाजी में गंवाया था पैसा
साथ ही उन्होंने कहा कि उस्मान ने कई बैंकों से कर्ज लिया था और क्रिकेट सट्टेबाजी में पैसा भी गंवाया था. उन्होंने कहा कि वह अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसे को लेकर परेशान था और उसने नकदी ले जाने वाले व्यापारियों को लूटने की योजना बनाई. आरोपियों को पता था कि नकद रकम दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे के बीच चांदनी चौक इलाके से भेजी जाती है. इसके बाद उस्मान ने बुक की गई हरियाणा के नंबर प्लेट वाली कार की सूचना अपने साथियों को दी और इसके जरिये नकद रुपये भेजे जाने की संभावना जताई.
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उस्मान और प्रदीप की पहचान मुख्य साजिशकर्ता
उन्होंने कहा कि उस्मान और प्रदीप की पहचान मुख्य साजिशकर्ता के रूप में की गई है. मिश्रा पेशे से मैकेनिक है जो दिल्ली जल बोर्ड में संविदा पर कार्यरत है. सुमित और कुलदीप सब्जी की दुकान चलाते हैं, कुलदीप ने पिस्टल और गोली की व्यवस्था की. इरफान नाई का काम करता है. पुलिस ने कहा कि कुलदीप इसके पहले लूट और छिनैती के 16 मामलों में शामिल रहा है, जबकि मिश्रा पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि इनमें से प्रदीप पर सबसे अधिक 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वसूलने के मामले में आठ सालों तक जेल में रहा प्रदीप
प्रदीप फिरौती वसूलने के मामले में आठ सालों तक जेल में रहा और जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था. पुलिस ने बताया कि प्रदीप के जरिये अमित भी उस्मान के संपर्क में आया. बाइस सेकेंड की सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना रिकार्ड हुई है कि कैसे सभी गाड़ियों के पार होने के बाद आरोपी कार के पास जाते है और पैसा लेकर भाग खड़े होते है. पुलिस ने बताया कि फर्जी नंबर प्लेट लगी दो मोटरसाइकिलों, 4.98 लाख रुपये नकद, एक पिस्तौल और दो कारतूस जब्त की गई हैं.