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Delhi Riots 2020: उमर खालिद की जमानत अर्जी नामंजूर, दो साल से अधिक समय से हैं सलाखों के पीछे

उमर खालिद फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों की कथित साजिश को लेकर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में दो साल से अधिक समय से सलाखों के पीछे है.

By ArbindKumar Mishra | October 18, 2022 11:07 PM

दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली दंगा मामले के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. कोर्ट ने यह कहते हुए खालिद की जमानत अर्जी खारिज कर दी कि वह अन्य आरोपियों के लगातार संपर्क में था और उसके ऊपर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सच नजर आते हैं.

दो साल से अधिक समय से सलाखों के पीछे है उमर खालिद

उमर खालिद फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों की कथित साजिश को लेकर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में दो साल से अधिक समय से सलाखों के पीछे है.

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कोर्ट ने कहा, आरोपी के कृत्य प्रथम दृष्टया आतंकवादी कृत्य

हाईकोर्ट ने कहा कि आतंकवाद निरोधी कानून यूएपीए के तहत आरोपी के कृत्य प्रथम दृष्टया आतंकवादी कृत्य के रूप में माने जाने के योग्य हैं. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शन हिंसक दंगों में तब्दील हो गए, जिनकी साजिश प्रथम दृष्टया षड्यंत्रकारी बैठकों में रचे जाने के संकेत मिलते हैं. कोर्ट ने कहा, गवाहों के बयान विरोध में खालिद की सक्रिय भागीदारी की तरफ इशारा करते हैं.

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उमर खालिद और शरजील इमाम सहित कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

उमर खालिद और शरजील इमाम सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का कथित ‘मास्टरमाइंड’ होने के आरोप में यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे. ये दंगे सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भड़के थे. इनमें 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे.

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