Delhi Services Bill : ‘मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं’, जानें क्यों भड़के अमित शाह
delhi services bill: अमित शाह ने कहा कि इस बिल का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी, भ्रष्टाचार मुक्त शासन मुहैया कराना है. यह विधेयक दिल्ली सरकार की शक्तियां छीनने के लिए नहीं. जानें क्यों राघव चड्डा पर बरसे अमित शाह
delhi services bill: लोकसभा के बाद दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में भी पास हो गया. तीखी बहस के बाद उच्च सदन ने सोमवार को इस बिल पर मुहर लगा दी. ऑटोमैटिक वोटिंग मशीन खराब होने के कारण पर्ची से वोटिंग करायी गयी. पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट डले. बिल अब राष्ट्रपति से मंजूरी के लिए जायेगा, उसके बाद कानून बन जायेगा.
इस बीच राज्यसभा में सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को प्रवर समिति के पास भेजे जाने संबंधी आम आदमी पार्टी के सदस्य राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर सत्ता पक्ष के पांच सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गये और इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन के दो सदस्य कह रहे हैं कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गये और प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं है. शाह ने कहा कि यह जांच का विषय है. यह मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं है. यह सदन के अंदर फर्जीपने का मामला नजर आ रहा है. दोनों सदस्यों के बयान दर्ज करवा कर इस मामले की जांच करवाने की बात गृह मंत्री अमित शाह करते नजर आये.
बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रवर समिति में उनका नाम रखने के लिए उनसे सम्मति नहीं ली गयी थी. उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला है. इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि चार-पांच सदस्यों ने कहा है कि उन्होंने समिति में अपना नाम नहीं भेजा है और इसकी जांच करवाई जाएगी. अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं.
हमारा मकसद दिल्ली को भ्रष्टाचार-मुक्त शासन मुहैया कराना : दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में पास होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी, भ्रष्टाचार मुक्त शासन मुहैया कराना है. यह विधेयक दिल्ली सरकार की शक्तियां छीनने के लिए नहीं, बल्कि केंद्र के अधिकारों का अतिक्रमण रोकने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से संबंधित विधेयक किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2015 से पहले भाजपा और कांग्रेस की सरकारें थी, लेकिन केंद्र के साथ कभी टकराव की नौबत नहीं आयी. कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन कर दिल्ली के लिए सेवाओं सहित सभी विषयों पर कानून बनाने की संसद को शक्ति दी. सरकार की सोच सकारात्मक और लोकतांत्रिक है. शाह ने अपराह्न दो बजे उच्च सदन में ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक, 2023’ को चर्चा के लिए रखा. विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया. वरिष्ठ कांग्रेसी सदस्य अभिषेक सिंघवी ने इसके जरिये दिल्ली में ‘सुपर सीएम’ बनाने की कोशिश करने का सरकार पर आरोप लगाया.
क्या है इस बिल में : यह बिल राजधानी दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा है. इस बिल के कानून बनने के बाद अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े फैसले लेने का अधिकार उपराज्यपाल को मिल जायेगा. यह इसी साल मई में लाये गये अध्यादेश की जगह लेगा.