Delhi Services Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा बिल पास, पक्ष में 131 वोट, विरोध में केवल 102
उच्च सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. गृह मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस संबंध में पहले लागू अध्यादेश को अस्वीकार करने के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के सांविधिक संकल्प को नामंजूर कर दिया. इसके साथ विपक्ष द्वारा पेश संशोधनों को भी नामंजूर कर दिया.
संसद ने सोमवार को विवादास्पद ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को वोटिंग के बाद मंजूरी दे दी. यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा. राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 जबकि इसके खिलाफ 102 मत पड़े. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है.
राज्यसभा में दिल्ली विधेयक पर 7 घंटे चली चर्चा
उच्च सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. गृह मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस संबंध में पहले लागू अध्यादेश को अस्वीकार करने के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के सांविधिक संकल्प को नामंजूर कर दिया. इसके साथ विपक्ष द्वारा पेश संशोधनों को भी नामंजूर कर दिया.
#WATCH | Rajya Sabha passes Delhi Services Bill with Ayes-131, Noes-102. pic.twitter.com/9Zv4jzi8IF
— ANI (@ANI) August 7, 2023
अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा- विधेयक का मकसद दिल्ली के लोगों के हितों की रक्षा करना
चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के तबादले एवं तैनाती से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर लाये गये विधेयक का मकसद राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हितों की रक्षा करना है, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के हितों को हथियाना नहीं. गृह मंत्री शाह ने कहा है कि विधेयक का उद्देश्य दिल्ली में भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में जो व्यवस्था थी, उसमें इस विधेयक के माध्यम से किंचित मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है.
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कई मामलों में दिल्ली अन्य राज्यों से अलग : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, दिल्ली कई मायनों में सभी राज्यों से अलग प्रदेश है क्योंकि यहां संसद, कई संस्थाएं, सुप्रीम कोर्ट हैं वहीं कई राष्ट्राध्यक्ष यहां चर्चा करने आते हैं, इसीलिए इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. उन्होंने कहा कि यह विधानसभा के साथ सीमित अधिकार वाला केंद्र शासित प्रदेश है. विधेयक के उद्देश्य और कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 239 (क) (क) के उपबंधों के आशय और प्रयोजन को प्रभावी बनाने की दृष्टि से स्थानांतरण, तैनाती और सतर्कता और अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल को सिफारिश करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के गृह विभाग के प्रधान सचिव के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्थाई प्राधिकरण का गठन करने की बात है.
मोदी जी जनता की बात नहीं सुनना चाहते : केजरीवाल
राज्यसभा में पास हुए दिल्ली सेवा विधेयक पर दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, इससे साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं के मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता. दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जिताकर साफ कहा है कि दिल्ली में दखलंदाजजी मत करना लेकिन मोदी जी जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं. संसद में अमित शाह जी ने कहा कि हमारे पास कानून पारित करने की शक्ति है. आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं. अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसमें मेरा समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है. भाजपा सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है. वे विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं. वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इस बार जनता उन्हें कोई भी सीट नहीं जीतने देगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई उल्लंघन नहीं हुआ : शाह
अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करके लाया गया है, लेकिन वह उन सदस्यों से कहना चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पैरा 86, पैरा 95 और पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट किया गया है कि अनुच्छेद 239 ए ए में संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.