दिल्ली हिंसाः चुनाव में पर्चा बांटने वाले गृहमंत्री हिंसा के दौरान रहे गायब, शिवसेना ने ‘सामना’ में बोला हमला

दिल्ली हिंसा को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है. पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में दिल्ली हिंसा के दौरान अमित शाह की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाया है. वहीं. इस मामले में विपक्ष की भूमिका पर भी टिप्पणी की है.

By AvinishKumar Mishra | February 28, 2020 11:21 PM

मुंबई : दिल्ली हिंसा को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है. पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में दिल्ली हिंसा के दौरान अमित शाह की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाया है. वहीं. इस मामले में विपक्ष की भूमिका पर भी टिप्पणी की है. सामना ने लिखा है कि केंद्र में कांग्रेस अथवा दूसरे गठबंधन की सरकार होती तो, उस समय भारतीय जनता पार्टी दंगों के लिए गृहमंत्री का इस्तीफा मांगने लगती.

भाजपा के लोग गृहमंत्री के इस्तीफे के लिए दिल्ली में मोर्चा व घेराव करते, राष्ट्रपति भवन पर भाजपा के वरिष्ट नेता धावा बोलने जाते. भाजपा के लोग गृहमंत्री को नाकाम ठहराकर ‘इस्तीफा चाहिए’ ऐसी मांग करती, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भाजपा सत्ता में है और विपक्ष कमजोर है. फिर भी सोनिया गांधी ने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा है.

गृहमंत्री की गैर-मौजूदगी पर सवाल– दिल्ली हिंसा के दौरान गृहमंत्री की गैर-मौजूदगी पर सामना ने कड़ा प्रहार किया है. सामना ने गृहमंत्री पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि सवाल ये है कि दिल्ली हिंसा के समय हमारे गृहमंत्री का दर्शन क्यों नहीं हुआ? देश को मजबूत गृहमंत्री मिला है लेकिन वे दिखे नहीं, इस पर हैरानी होती है. विधानसभा चुनाव में अमित शाह गृहमंत्री होते हुए भी भाजपा के लिए घर-घर प्रचार पत्र बांटते घूम रहे थे तथा इस प्रचार कार्य के लिए उन्होंने पूरा समय दिया, परंतु जब पूरी दिल्ली हिंसा की आग में जल रही थी तब यही गृहमंत्री कहीं दिखाई नहीं दिए.

विपक्ष की भूमिका पर सवाल– सामना ने दिल्ली हिंसा में विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाया है. सामना ने लिखा है कि देश का विपक्ष बेबस है, वरना दिल्ली में 38 लोगों की हत्या के लिए सरकार की गर्दन पर बैठकर सवाल पूछा गया होता. सरकार से पूछा जाता कि 38 लोगों की बलि चढ़ी या उन्हें बलि चढ़ाने दिया गया वो भी राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में. आगे लिखा है कि राष्ट्रवाद का उन्माद और धर्मांधता की मदमस्ती ये दो प्रवृत्तियां देश को 300 साल पीछे धकेल रही है.

भाजपा नेताओं के बयान पर हमला– सामना ने भाजपा नेताओं द्वारा कथित तौर पर दिए गये भड़काऊ भाषण को लेकर हमला बोला है. सामना ने लिखा है कि केंद्र के एक मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश अब दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया है, जिन्होंने ये आदेश दिया है इस न्यायमूर्ति को ही सरकार ने सजा दे दी. वीर सावरकर के गौरव के लिए जो लोग राजनैतिक नौटंकी कर रहे हैं वे देश के गौरव के बारे में सोचें. राजधानी की हिंसा का धुआं देश का दम घोंट रहा है. उस धुएं में देश के गृहमंत्री कहीं भी दिखाई नहीं देते.

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