नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच लॉकडाउन लगाये जाने की संभावनाओं को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन लगाये जाने की संभावना नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है.
सत्येंद्र जैन ने कहा कि देश में जब लॉकडाउन लगाया गया, उससमय कोरोना वायरस के फैलाव की जानकारी किसी को नहीं थी. उस समय कहा गया था कि कोरोना वायरस का चक्र 14 दिनों का होता है. विशेषज्ञों का कहना था कि अगर देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया जाये, तो वायरस का फैलाव बंद हो जायेगा.
हालांकि, देश में लॉकडाउन लगाये जाने और अवधि बढ़ाये जाने के बावजूद कोरोनावायरस खत्म नहीं हुआ. साथ ही कहा कि मुझे लगता है कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है. मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर माह के बाद पहली बार 1534 कोरोना के दैनिक मामले सामने आये.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के पहले कम मामले थे, लेकिन अब इसमें बढ़ोतरी हुई है. इसलिए हर दिन परीक्षण और 85,000-90,000 परीक्षणों का आयोजन किया है. यह राष्ट्रीय औसत से पांच फीसदी अधिक है. हम संपर्क अनुरेखण और अलगाव भी कर रहे हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड हैं. अब भी करीब 20 फीसदी बिस्तरों पर मरीज हैं. करीब 80 फीसदी बिस्तर खाली हैं. हम निगरानी कर रहे हैं. यदि मरीजों का अधिवास बढ़ता है, तो हम बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करेंगे.
Hospitals have a sufficient number of beds as of now. The occupancy is around 20% now, 80% of the beds are unoccupied. We are monitoring this, if occupancy increases, we will increase the number of beds: Delhi Health Minister Satyendar Jain#COVID19
— ANI (@ANI) March 27, 2021
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच होली के त्योहार ने चिंता बढ़ायी है. थोड़ी-सी भी लापरवाही बड़ा संकट पैदा कर सकती है. मालूम हो कि दिल्ली में लगातार दूसरे दिन 1500 से ज्यादा मामले सामने आये हैं. इससे पहले पिछले साल 16 दिसंबर को 1547 कोरोना संक्रमित मिले थे.
मालूम हो कि दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या छह हजार से अधिक हो गयी है. जबकि, पिछले 24 घंटे में 971 लोग स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं. हालांकि, दिल्ली में अभी कंटेनमेंट जोन की संख्या अब भी डेढ़ हजार के करीब है.