DelhiViolence : राज्य सभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह, आरोपियों को पाताल से भी ढूंढकर निकालेंगे
शाह ने कहा कि DelhiViolence मामले में 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और 2,647 लोग हिरासत में लिए गए हैं.
नयी दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में दिल्ली दंगा को लेकर विपक्ष के सवाल का जवाब दिया. शाह ने एक बार फिर दोहराया कि दिल्ली हिंसा सुनियोजित षड्यंत्र के तहत किया गया.
शाह ने सदन को बताया कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, आरोपियों को पाताल से भी ढूंढकर बाहर निकाना जाएगा. शाह ने दंगों में मारे गये लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए कहा, मैं सदन के माध्यम से दिल्ली और देश की जनता को कहना चाहता हूं कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है, वे लोग कानून की गिरफ्त से इधर-उधर एक इंच भी भाग नहीं पाएंगे.
उन्होंने देश के लोगों एवं राजनीतिक दलों को निष्पक्ष जांच का अश्वासन देते हुए कहा कि यह (जांच) पूरे देश के लिये एक सबक होगी कि दंगा करने वालों का अंजाम क्या होता है.
शाह ने कहा कि इस मामले में 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और 2,647 लोग हिरासत में लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की 25 से ज्यादा कम्प्यूटरों पर जांच हो रही है हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई.
गृह मंत्री ने यह भी कहा, 36 घंटे में जो हुआ, उसे मैं नजरंदाज नहीं कर रहा. 50 से ज्यादा लोग मारे गये और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ जो छोटी बात नहीं है. उन्होंने कहा, दिल्ली दंगों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कोई निर्दोष परेशान नहीं होगा. इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से जांच हो रही हैं. उन्होंने कहा कि आईटी कानून के तहत 25 मामले दर्ज किये गए हैं और 60 ऐसे सोशल मीडिया एकाउंट की जांच चल रही है जो दंगा शुरू होने से पहले शुरू हुए और बाद में बंद हो गए.
दंगों को एक साजिश बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह पूर्वनियोजित षड्यंत्र के तहत हुआ, यह इस बात से स्पष्ट होता कि यह कितनी तेजी से फैला. उन्होंने कहा कि हम जनवरी के बाद से दिल्ली में हवाला के जरिये आने वाली राशि का मूल्यांकन कर रहे हैं. इसमें तीन लोगों को दंगों का वित्त पोषण करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में आईएस से जुड़े दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि 300 से ज्यादा लोग उत्तरप्रदेश से आए थे जो गहरी साजिश की ओर संकेत देता है.
शाह ने कहा कि चेहरा पहचानने का सॉफ्टवेयर (फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर) के द्वारा लोगों को पहचानने की प्रक्रिया चालू है. शाह ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर न तो धर्म देखता है और न ही कपड़े देखता है. वो सिर्फ और सिर्फ चेहरा और कृत्य देखता है और उससे ही पकड़ता है. उन्होंने कहा कि फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर के माध्यम से हमने 1,100 से ज्यादा लोगों के चेहरे पहचाने हैं, उनकी पहचान कर ली गई है.
गृह मंत्री ने कहा कि 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में एक पार्टी (कांग्रेस) ने सीएए विरोधी रैली की, उसमें पार्टी की अध्यक्ष महोदया भाषण में कहती हैं कि घर से बाहर निकलो, आर-पार की लड़ाई करो, अस्तित्व का सवाल है. उन्होंने कहा कि उसके बाद उनके एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे. शाह ने कहा, यह हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाला भाषण) नहीं है क्या? उन्होंने कहा कि इसके बाद ही 16 दिसंबर को शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ.
उन्होंने दंगों को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया और आरोप लगाया कि देश के इतिहास में दंगों में जो लोग मारे गये हैं, उनमें 76 प्रतिशत लोग कांग्रेस के शासनकाल में हुए दंगों में मारे गये. शाह ने कहा, दंगों में जिनकी जान गई है उन सभी के लिए मैं दुख प्रकट करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों में 52 भारतीयों की मौत हुई, 523 घायल हुए जबकि 371 दुकानें जल गयीं एवं 141 लोगों के घर जल गये.
दिल्ली हाई कोर्ट के जज के ट्रांसफर के सवाल पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा- ‘सरकार सिर्फ निर्णय लेती है, लेकिन सिफारिश सुप्रीम कोर्ट का कलीजियम करता है. इस संबंध में सिफारिश 12 फरवरी को ही आ गई थी, सिर्फ आदेश उसके बाद जारी हुआ. मैं पूछना चाहता हूं कि ये क्या तरीका है कि सिर्फ एक ही जज न्याय कर पाएगा, बाकी जज अन्याय करते हैं क्या? देश में इतने सारे जज हैं लेकिन कुछ ही जज इंसाफ कर पाएंगे, ये किस तरह की मानसिकता है.