नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम पूरा हो गया है. परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण संबंधी अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिये हैं. तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार (5 मई 2022) को केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण से संबंधित अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किये. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि इस आदेश की एक प्रति और रिपोर्ट सरकार को दी जायेगी, जिसमें निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और उनके आकार का विवरण शामिल होगा. इसके बाद एक राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से आदेश जारी किया जायेगा. जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई के नेतृत्व वाले आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.
इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें हैं, जो हमेशा रिक्त रहती हैं. पहली बार अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए 9 सीटों का प्रस्ताव किया गया है. आयोग ने जम्मू के लिए 6 और कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त सीट का भी प्रस्ताव रखा है. अभी तक कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू संभाग में 37 सीटें हैं.
मार्च 2020 में गठित आयोग को पिछले साल, एक साल का विस्तार दिया गया था. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त, परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं. फरवरी में, आयोग का कार्यकाल फिर से दो महीने के लिए बढ़ाया गया था. पहले इसका कार्यकाल 6 मार्च 2022 को समाप्त होना था. जून 2018 से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. परिसीमन का काम पूरा होने के बाद ही यहां विधानसभा चुनाव कराये जा सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने का वादा किया है.
बता दें कि परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट जमा करने से पहले सोमवार को सभी स्टेकहोल्डर्स और डेलिगेशन से जम्मू में मुलाकात की और उनकी राय जानी. आयोग ने रामबन, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, कठुआ और डोडा जिलों के 200 सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल और सदस्यों से मुलाकात की और उनके विचारों को जाना. प्रतिनिधिमंडल की ओर से आयोग को कई सुझाव भी दिये गये.