नई दिल्ली : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रमण पर काबू पाने के लिए दुनिया भर की सरकारें अभी पूरी तरह से पुख्ता भी नहीं हुई हैं कि सॉर्स-कोव-2 का एक नया वेरिएंट सामने आया है. वायरस का यह नया वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है और यह पहले के दोनों वेरिएंट्स से भी अधिक तेजी के साथ संक्रमण फैलाता है. वैज्ञानिकों ने इस नए वेरिएंट का नाम डेल्मिक्रॉन रखा है. यह फिलहाल यूरोपीय देशों में तेजी से संक्रमण फैला रहा है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन सॉर्स-कोव-2 का ही एक वैरिएंट बी.1.1.1.529 है, जिसका बहुत म्यूटेशन हो चुका है. ओमिक्रॉन सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. यह बहुत तेजी से फैलता है और अब तक डेल्टा वैरिएंट की तुलना में हल्के लक्षण दिखाया है. इसकी मृत्यु दर भी डेल्टा के मुकाबले कम है. डेल्मिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक संयोजन है, जिसमें तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. यह अब तक 106 देशों में फैल चुका है. ओमिक्रॉन को लेकर शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि यह वैक्सीन सुरक्षा को चकमा देने में सक्षम हो सकता है. ऐसे में कई देश बूस्टर डोज देने पर काम कर रहे हैं. हालंकि, विशेषज्ञ अभी तक डेल्मिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर बहुत विस्तार से नहीं बता सके हैं. वे किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले और डेटा का इंतजार कर रहे हैं.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में अब तक आधिकारिक तौर पर डेल्मिक्रॉन वैरिएंट के एक भी केस सामने नहीं आए हैं. भारत में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के 354 मामले दर्ज किए गए हैं.
कोरोना वायरस को लेकर महाराष्ट्र में कोविड टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी ने कहा कि यह देखा जाना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट भारत में कैसे रिएक्ट करता है, जहां डेल्टा वैरिएंट के मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक यह अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन से बने नए वैरिएंट डेल्मिक्रॉन का क्या असर हो सकता है.