कोरोना संक्रमण के खिलाफ अमेरिकी की रणनीति बदल गयी है. डेल्टा वेरिएंट का खतरा इस देश में बढ़ रहा है और बढ़े हुए इस खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने कोरोना से जंग की रणनीति बदल दी है.
अमेरिका ने एक बार फिर मास्क को जरूरी किया है और साथ ही वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया है. अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला भारत में आया था और अब यह पूरी दुनिया में फैल चुका है. इससे ना सिर्फ कोरोना संक्रमण का बल्कि चिकनपॉक्स और कॉमन फ्लू से ज्यादा खतरनाक है. यह ज्यादा खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह वैक्सीन ले चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है.
सीडीसी की निदेशक डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने बताया कि नाक और गले में वायरस की मौजूदगी उसी तरह रहती है जैसे कि टीका नहीं लेने वालों में होती है. कई रिपोर्ट में डेल्टा वेरिएंट इतना खतरनाक बताया गया है कि मर्स, सार्स, इबोला, सामान्य सर्दी, मौसमी फ्लू और चिकनपोक्स जैसी बीमारी का कारण बन सकता है.
बी.1.617.2 यानी डेल्टा वेरिएंट और गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है. सीडीसी के वैज्ञानिकों ने इस नये वेरिएंट को लेकर चिंता बढ़ायी है अमेरिका में 16.2 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है और हर सप्ताह लक्षण वाले करीब 35,000 मामले आ रहे हैं.