नयी दिल्ली : कोरोना वायरस का डेल्टा संस्करण अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत अन्य यूरोपीय और एशियाई देशों में तेजी से फैल रहा है. इसी बीच, अमेरिकी स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस का डेल्टा संस्करण चिकनपॉक्स की तरह लोगों में अत्यधिक तेजी और आसानी से फैल सकता है.
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने डेल्टा स्ट्रेन को दूसरे संस्करणों की तुलना में ज्यादा संक्रामक बताया है. साथ ही कहा गया है कि यह इबोला या सामान्य सर्दी से भी ज्यादा तेजी से फैल सकता है. मालूम हो कि यह रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं की गयी है.
स्टडी में चिंता जतायी गयी है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेनेवाले लोग भी वैक्सीन ना लेनेवाले लोगों की तरह ही डेल्टा संस्करण का तेजी से फैला सकते हैं. सीडीसी के डायरेक्टर डॉ आरपी वालेंस्की ने मंगलवार को स्वीकार किया कि वैक्सीन ले चुके लोगों की नाक और गले में उतना ही वायरस होता है, जितना वैक्सीन नहीं लेनेवाले लोगों में. इस कारण यह तेजी से फैसल सकता है.
हालांकि, स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोग सुरक्षित हैं, क्योंकि गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने में वैक्सीन 90 फीसदी तक कारगर है. वहीं, वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना संक्रमण के फैलाव पर नियंत्रण नहीं करता है, जिस कारण डेल्टा संस्करण से लोग संक्रमित हो गये.
मालूम हो कि पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन चेचक की तरह ही अहम होगा. इसके बाद कोरोना के डेल्टा संस्करण की तुलना चेचक से होने लगी. दोनों बीमारियों में संक्रमण या संचरण का जरिया भी काफी मिलता-जुलता है.
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