Demonetization 7 Years : नोटबंदी के सात साल पूरे हो गये हैं. आज के दिन केंद्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी का आदेश जारी किया था. इसी के साथ 1000 रुपये और 500 रुपये के मूल्य वाले नोट चलन से बाहर हो गये थे. इधर, कांग्रेस ने नोटबंदी के सात साल पूरा होने के मौके पर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई. कांग्रेस का यह भी कहना है कि इसी के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार का आरंभ हुआ सिलसिला खत्म हो गया. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि देश इस भीषण त्रासदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी माफ नहीं करेगा.
पीएम मोदी ने किया का नोटबंदी का ऐलान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था. सरकार ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. अब 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि आज से सात साल पहले आठ नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश पर नोटबंदी का प्रहार किया था. एक निर्णय जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी. 24 मार्च 2020 को अनियोजित अचानक तालाबंदी के साथ एक बार फिर दोहराया गया, जिसके कारण लाखों प्रवासी श्रमिकों को सैकड़ों और हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस जाना पड़ा.
जयराम रमेश ने लगाया बड़ा आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री की ओर से लोगों की पीड़ा का मजाक उड़ाना, हंसना और यह कहना कि घर में शादी है, पैसा नहीं है को कौन भूल सकता है? उन सैकड़ों गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को कौन भूल सकता है जिनकी अपने नोट बदलने के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करते-करते मौत हो गई, जबकि अमीर लोग आसानी से अपने बैंक नोट बदलने में कामयाब रहे? रमेश ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के साथ-साथ जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी ने भारत के रोजगार पैदा करने वाले छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया, जिससे 45 साल की बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई और 2013 में अर्थव्यवस्था के पटरी पर आना समाप्त हो गया.
हर तरफ से विफल रही नोटबंदी- रमेश
जयराम रमेश ने कहा कि नोटबंदी के कारण 2011 के बाद से बनी जीडीपी वृद्धि की गति पूरी तरह उलट गई. भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2011 में 5.2 फीसदी से बढ़कर 2016 में 8.3 फीसदी हो गई थी. लेकिन इसके बाद विमुद्रीकरण नामक आपदा आई और विकास धीमा होना शुरू हो गया, जो कि कोविड-19 महामारी से ठीक पहले चार फीसदी तक पहुंच गया था.
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि विमुद्रीकरण एक बड़ी गलती थी जो मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में विफल रही- चाहे वह काले धन के प्रसार को कम करना हो, जालसाजी को समाप्त करना हो या भारत को नगदी रहित बनाना हो. रमेश ने दावा किया कि भारत इस ‘भीषण त्रासदी’ के लिए प्रधानमंत्री को माफ नहीं करेगा.