Cyclone Gulab Latest News: बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र (डिप्रेशन) चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ (Cyclone Gulab) में तब्दील हो चुका है. ओड़िशा (Odisha) और आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के बीच समुद्र तट से तूफान के टकराने से पहले शनिवार को हैदराबाद (Hyderabad) में भारी बारिश (Heavy Rain) शुरू हो गयी. भारत मौसम विज्ञान (IMD) ने दक्षिणी ओड़िशा और उत्तरी आंध्रप्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है.
Andhra Pradesh Chief Minister YS Jagan Mohan Reddy held a review meeting on the preparedness in wake of the weather office report on cyclone alert and directed the officials to take all necessary steps: Andhra Pradesh Chief Minister's Office (CMO)
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— ANI (@ANI) September 25, 2021
मौसम विभाग के अलर्ट के मद्देनजर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों की साथ इमरजेंसी मीटिंग की और तूफान के बाद उसके असर से निबटने की तैयारियों की समीक्षा की. इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने भी तैयारियों की समीक्षा की.
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को तूफान के बाद की स्थिति से निबटने के लिए जरूरी तैयारी करने के निर्देश दिये. बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. गांवों में पंचायत सचिवालयों में कंट्रोल रूम बनाये गये हैं. इतना ही नहीं, विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है.
Heavy rain lashes parts of Hyderabad pic.twitter.com/BZ4MDlLYbP
— ANI (@ANI) September 25, 2021
आंध्रप्रदेश के सीएम को यह भी बताया गया कि जिलाधिकारियों से तूफान के मद्देनजर अपने-अपने जिलों में राहत शिवर बनाने के निर्देश दिये गये हैं. जिलाधिकारियों ने इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आपलोग अलर्ट मोड में रहें और चक्रवात के समुद्र तट से टकराने के बाद होने वाली भारी बारिश और तूफान के असर से निबटने के लिए जरूरी कदम उठायें. पीड़ित लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अफसरों को दिये.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान के मद्देनजर उससे निबटने के लिए की जा रही तैयारियों की शनिवार को समीक्षा की. अधिकारियों को सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया. इस तूफान के उत्तरी आंध्रप्रदेश और दक्षिण ओड़िशा के तट से रविवार की शाम को 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की संभावना है. इसकी अधिकतम गति 95 किलोमीटर तक होने का अनुमान जताया गया है. इसकी वजह से इलाके में भारी बारिश होने की संभावना है.
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तूफान की वजह से आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जबकि ओड़िशा के गंजम और गजपति जिलों के प्रभावित होने की आशंका है. आधिकारिक बयान के मुताबिक, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एनसीएमसी ने केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और राज्य सरकारों की बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान से निबटने की तैयारियों की समीक्षा की.
ओड़िशा और आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिवों ने एनसीएमसी को उन कदमों की जानकारी दी, जो तूफान से प्रभावित होने वाली संभावित आबादी की सुरक्षा के लिए उठाये गये हैं. साथ ही उन कदमों की भी जानकारी भी दी, जो संचार और ऊर्जा जैसी अवसंरचना को तूफान से होने वाली हानि को न्यूनतम करने के लिए उठाये गये हैं.
बयान के मुताबिक, यह सुनिश्चित किया गया है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाये. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने दोनों राज्यों में अपनी 18 टीमें तैनात की है और अन्य को तैयार रखा है. सेना और नौसेना के बचाव दल को भी उनके पोतों और विमानों के साथ तैनात किया जा रहा है.
बयान के मुताबिक, राज्य और केंद्र की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए गौबा ने जोर दिया कि सभी एहतियाती और बचाव के उपाय तूफान के तट से टकाराने से पहले संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा किये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि तूफान से जीवन की हानि शून्य और संपत्ति और अवसंरचना को नुकसान न्यूनतम रखने का लक्ष्य होना चाहिए.
कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकारों को आश्वस्त किया कि सभी केंद्रीय एजेंसिया मदद पहुंचाने के लिए उपलब्ध हैं. इस बैठक में ओड़िशा और आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिवों के अलावा गृह मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय के सचिवों, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आदि ने हिस्सा लिया.
Posted By: Mithilesh Jha