नयी दिल्ली: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया. वैक्सीनेशन के असर से कोरोना का संक्रमण कम हुआ. साथ ही लोगों की लापरवाही बढ़ने लगी. इसकी वजह से कई ऐसे क्षेत्र, जहां कोरोना के मामले बहुत कम थे, अचानक से संक्रमण के केस बढ़ने लगे. विशेषज्ञों की मानें, तो यही मामले कोरोना की तीसरी लहर ला सकते हैं. इसलिए इस वक्त सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.
लॉकडाउन के बाद से बंद स्कूलों को एक ओर पूरे देश में खोला जा रहा है, तो हिमाचल प्रदेश की सरकार ने अपने यहां सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिये हैं. मुख्य सचिव ने जो आदेश जारी किया है, उसमें स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करते पाया जायेगा, तो उसके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
Himachal Pradesh govt issues order instructing all schools, except residential schools, to be closed till September 25 in view of COVID-19 cases. Teachers and non-teaching staff shall continue to attend the schools. pic.twitter.com/miPd4SYGUI
— ANI (@ANI) September 20, 2021
हिमाचल प्रदेश की स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन राम सुभाग सिंह ने सोमवार को आदेश जारी कर कहा कि राज्य के सभी स्कूल 25 सितंबर तक बंद रहेंगे. आदेश में यह भी कहा गया है कि आवासीय स्कूलों पर यह आदेश लागू नहीं होगा. यानी हिमाचल प्रदेश में जितने भी आवासीय स्कूल हैं, कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए उनमें शिक्षण कार्य जारी रहेंगे.
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पिछले 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश में 234 कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि तीन लोगों की मौत हुई है. राज्य में 1,616 कोरोना के एक्टिव केस हैं. 3,537 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. इस पहाड़ी राज्य में 2,17,140 लोग अब तक कोरोना से संक्रमित हुए हैं. 2,11,871 लोगों ने कोरोना को मात दे दी. लेकिन, कोरोना अब तक पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आया है.
दूसरी तरफ, बिहार के मधुबनी में दो दिन में 45 कोरोना संक्रमित पाये गये, तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जिलाधिकारी ने 10 कंटेनमेंट जोन बना दिये. बताया गया है कि संक्रमित 45 लोग मुंबई समेत अन्य बड़े शहरों से लौटे हैं.
मधुबनी के सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने इसे संभावित तीसरी लहर की प्रारंभिक स्थिति माना है. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने टेस्टिंग, ट्रेसिंग तथा ट्रीटमेंट पर जोर दिया जा रहा है. हर दिन 5 से 6 हजार लोगों की जांच की जा रही है. जिले में अब तक 13.59 लाख लोगों की जांच हो चुकी है.
टेस्टिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को कोरोना का टीका दिया जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में भी वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है. वहां वैक्सीनेशन कैंप लगाये जा रहे हैं. टेस्टिंग के लिए अन्य राज्यों से ट्रेन से आने वाले यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर ही कोविड संक्रमण की जांच की जा रही है.
Posted By: Mithilesh Jha