गंभीर कोरोना रोगियों की जान बचा सकती है ये दवा, WHO ने भी माना
COVID19 patients, dexamethasone, effective, WHO DG Tedros Adhanom देश-दुनिया में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस महामारी ने अमेरिका के बाद भारत को सबसे अधिक अपनी गिरफ्त में लिया है. कोरोना से तबाह हो चुकी दुनिया के लिए एक अच्छी खबर डब्ल्यूएचओ की ओर मिल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (World Health Organization, WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने गुरुवार को एक ऐसी दवा को अपनी हरी झंडी दिखा दी जो कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में प्रभावी साबित हुई है.
नयी दिल्ली : देश-दुनिया में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस महामारी ने अमेरिका के बाद भारत को सबसे अधिक अपनी गिरफ्त में लिया है. कोरोना से तबाह हो चुकी दुनिया के लिए एक अच्छी खबर डब्ल्यूएचओ की ओर मिल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (World Health Organization, WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने गुरुवार को एक ऐसी दवा को अपनी हरी झंडी दिखा दी जो कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में प्रभावी साबित हुई है.
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस ने बताया, कोरोना संक्रमण के इलाज में डेक्सामेथासोन दवा बेहद कारगर पाई गई है. उन्होंने कहा, ‘डेक्सामेथासोन पहले ही गंभीर और क्रिटिकल कोरोना रोगियों के लिए प्रभावी साबित हुई है. दूसरी कई दवाएं अभी परीक्षण के दौर में हैं.
One therapeutic – dexamethasone – has already proven effective for patients with severe & critical #COVID19, others have been proven ineffective & still others are in trials. Around 180 vaccines are in development, including 35 in human trials: Tedros Adhanom Ghebreyesus, DG, WHO pic.twitter.com/zJvyGbyLHm
— ANI (@ANI) September 10, 2020
उन्होंने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी बताया कि अभी दुनियाभर में लगभग 180 टीकों पर काम चल रहा है. इनमें से 35 टीके मानव परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं. दूसरी ओर WHO की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के ट्रायल में बीमारी का आना एक ‘वेक-अप कॉल’ की तरह है लेकिन इससे वैज्ञानिकों को निराश नहीं होना चाहिए.
गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका ने विकसित किए जा रहे अपने टीके के परीक्षण पर दुनियाभर में अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है. दरअसल ट्रायल के दौरान जिसको टीका दिया गया था वो बीमार हो गया. हालांकि कंपनी जांच कर रही है कि उसके परीक्षण में टीका लेने वाला वह व्यक्ति संयोग वश बीमार हुआ है अथवा यह दवा की वजह से हुआ है.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी सुरक्षित और प्रभावी साबित होने से पहले किसी भी कोविड-19 टीके के उपयोग की सिफारिश नहीं करेगी. हालांकि, चीन और रूस ने व्यापक प्रयोग के समाप्त होने से पहले ही अपने टीके का उपयोग करना शुरू कर दिया है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसुस ने कहा था कि टीकों का प्रयोग दशकों से सफलतापूर्वक किया जा रहा है. उन्होंने कहा, मैं जनता को आश्वस्त करना चाहूंगा कि डब्ल्यूएचओ एक ऐसे टीके का समर्थन नहीं करेगा जो प्रभावी और सुरक्षित नहीं है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra