DGCA ने एयर इंडिया पर लगाया 30 लाख रुपये का जुर्माना, जानें क्या है मामला

DGCA ने मुंबई एयरपोर्ट पर एक 80 साल के यात्री को व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराने के मामले में एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जी हां, खबर है कि व्हीलचेयर नहीं मिलने के कारण यात्री को विमान से टर्मिनल तक चलना पड़ा था और वह गिर गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2024 6:38 AM

DGCA ने मुंबई एयरपोर्ट पर एक 80 साल के यात्री को व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराने के मामले में एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जी हां, खबर है कि व्हीलचेयर नहीं मिलने के कारण यात्री को विमान से टर्मिनल तक चलना पड़ा था और वह गिर गया था. इसके बाद उस यात्री की मौत भी हो गई थी. बीते दिन 12 फरवरी को घटी इस घटना के बाद से DGCA मामले की जांच कर रहा था.

DGCA : बुजुर्ग यात्री को व्हीलचेयर उपलब्ध कराने में विफल

इसी दौरान नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है क्योंकि वह बुजुर्ग यात्री को व्हीलचेयर उपलब्ध कराने में विफल रही थी. अधिकारी ने यह भी कहा, ‘‘इसके अलावा एयर इंडिया ने इस मामले में गलती करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई की भी जानकारी नहीं दी है. साथ ही एयरलाइन भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सुधारात्मक कदमों की जानकारी देने में भी विफल रही है.’’

Dgca on air india

DGCA : एयरलाइन कंपनी को कारण बताओ नोटिस

इस महीने की शुरुआत में डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था, जिसपर एयर इंडिया ने नियामक को 20 फरवरी को अपना जवाब सौंपा था. एयरलाइन ने कहा कि बुजुर्ग यात्री दूसरी व्हीलचेयर का इंतजार करने के बजाय एक अन्य व्हीलचेयर पर बैठी अपनी पत्नी के साथ चलने लगे थे.

DGCA : पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर की व्यवस्था

अधिकारी ने कहा, ‘‘सभी एयरलाइन कंपनियों को इस बारे में एक परामर्श भी जारी किया गया है. उनसे कहा गया है कि जिन यात्रियों को विमान पर चढ़ने या उतरने के दौरान मदद की जरूरत होती है, उनके लिए पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर की व्यवस्था होनी चाहिए.’’

Dgca on air india

DGCA : सीएआर तीन महीने बाद लागू होंगे

विमानन नियामक डीजीसीए ने हवाई अड्डे पर कार्यरत हवाई यातायात नियंत्रकों, विमान रखरखाव इंजीनियरों और संवेदनशील कार्यों से जुड़े कर्मचारियों में से एक-चौथाई लोगों का रोजाना श्वास विश्लेषण (ब्रेथ एनालाइजर) परीक्षण अनिवार्य कर दिया है. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को बयान में कहा कि श्वास विश्लेषण परीक्षण से संबंधित संशोधित नागरिक विमानन प्रावधान (सीएआर) तीन महीने बाद लागू होंगे.

Dgca on air india

DGCA : 10 प्रतिशत कर्मचारियों का ही श्वास परीक्षण करना अनिवार्य

फिलहाल हवाई अड्डे पर तैनात 10 प्रतिशत कर्मचारियों का ही श्वास परीक्षण करना अनिवार्य है लेकिन संशोधित मानकों में इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है. यह नियम हवाई यातायात नियंत्रकों, ग्राउंड स्टाफ, विमान रखरखाव इंजीनियरों और ग्राउंड हैंडलिंग सेवा कर्मियों के लिए लागू होगा. इससे शराब के सेवन का पता लगाने में सख्ती बरती जाएगी. डीजीसीए ने कहा कि इस संशोधन से सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा. इसके अलावा हवाई अड्डों पर आवाजाही बढ़ने और जमीनी गतिविधियों में वृद्धि को देखते हुए यह एक प्रभावी कदम है.

Next Article

Exit mobile version