पटना : बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा सिविल सेवा से वीआरएस लेने का मामला अभी चर्चा में है. पांडेय द्वारा वीआरएस लिए जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि वे राजनीति में उतरेंगे. बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय से पहले भी बिहार-झारखंड के कई डीजी राजनीति मैदान में उतर चुके हैं. इनमें कुछ सांसद बन गये तो कुछ विधायक, जबकि कुछ को अभी भी सदन में जाने का इंतजार है. आइए जानते हैं, बिहार-झारखंड सहित अन्य राज्यों के डीजीपी के बारे में जो राजनीति में आए…
निखिल कुमार- केरल के राज्यपाल रह चुके निखिल कुमार एनएसजी, आईटीबीपी में डीजीपी रह चुके हैं. निखिल बिहार के औरंगाबाद के हैं और वे वहां से सांसद भी रह चुके हैं. बता दें कि निखिल कुमार के पिता सत्येंद्र नारायण सिंहा बिहार के सीएम भी रह चुके हैं. वहीं निखिल 2014 में औरंगाबाद से चुनाव हार गए, जिसके बाद राजनीतिक रूप से वे अब साइडलाइन चल रहे हैं.
सुनील कुमार– आईपीएस सुनील कुमार डीजी पद से रिटायर होने के बाद हाल ही में जदयू में शामिल हुए हैं. माना जा रहा है कि वे विधानसभा या वाल्मीकि नगर सीट से लोकसभा का उपचुनाव लड़ेंंगे. दिलचस्प बात यह है कि सुनील कुमार और गुप्तेश्वर पांडेय दोनों एक साथ ही डीजीपी पद की रेस में शामिल थे, लेकिन गुप्तेश्वर पांडेय को प्रभार दिया गया.
डीके पांडेय– झारखंड के डीजीपी रहे डीके पांडेय भी राजनीतिक में आए, लेकिन उन्हें बीजेपी से टिकट नहीं मिला. डीके पांडेय हाल ही में अपने बहु द्वारा प्रताड़ित केस के कारण चर्चा में आए थे.
विष्णुदयाल राम– झारखंड के डीजी रहे विष्णुदयाल राम वर्तमान में सांसद है. राम पलामू से सांसद हैं और इससे पहले भी एक बार सांसद रह चुके हैं. विष्णुदयाल डीजीपी से रिटायर होने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे.
हरियाणा भी पीछे नहीं- बिहार झारखंड के अलावा हरियाणा के तीन डीजीपी राजनीति में उतर चुके हैं. हालांकि तीनों को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली. 1968 बैच के आईपीएएस अजीत भटोरिया वर्तमान में आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं. भटोरिया बीजेपी और कांग्रेस में भी रह चुके हैं. वहीं 1957 बैच के आईपीएस और हरियाणा के डीजीपी रह चुके एचआर स्वान भी राजनीति में उतरे लेकिन उन्हें भी सफलता नहीं मिली, जबकि 1977 बैच के विकास नारायण अभी आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं.
राजस्थान के डीजीपी ने भी लिया वीआरएस– इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने वीआरएस ले लिया, जिसके बाद उन्होंने कल सीएम अशोक गहलोत से मुलकात की. सीएम से मुलाकात के बाद डीजीपी 30 नवंबर तक अपने पद पर बने रहने के लिए हामी भर दिए. यानी राज्य में 30 नवंबर के बाद नये डीजीपी दिखेंगे
Posted By : Avinish Kumar mishra