Dhanbad Judge Death: सुप्रीम कोर्ट ने CBI, IB को लगायी फटकार, जजों की सुरक्षा पर राज्यों से मांगी रिपोर्ट

Dhanbad Judge Death: धनबाद के एडीजे-8 उत्तम आनंद की मौत के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई-प्रोफाइल मामलों में पक्ष में फैसला नहीं आने पर न्यायपालिका को बदनाम करने का चलन शुरू हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2021 5:45 PM

नयी दिल्ली: झारखंड (Jharkhand) में जज उत्तम आनंद की मौत के मामले (Dhanbad Judge Uttam Anand Death Case) की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई (CBI) और आईबी (IB) की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी की. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) न्यायपालिका (Judiciary) की बिल्कुल मदद नहीं कर रहे हैं. इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई और आईबी को नोटिस जारी किया.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, धनबाद के एडीशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (एडीजे-8) उत्तम आनंद की मौत (Dhanbad ADJ-8 Uttam Anand Death Case) के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई-प्रोफाइल मामलों में पक्ष में फैसला नहीं आने पर न्यायपालिका को बदनाम करने का चलन शुरू हो गया है. सीबीआई और आईबी न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि जब जज शिकायत करते हैं, तो उसका जवाब तक नहीं दिया जाता.

इसके साथ ही कोर्ट ने 9 अगस्त तक सुनवाई टाल दी. उस दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को शीर्ष अदालत की मदद करने के लिए कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने जजों को धमकी दिये जाने को ‘गंभीर’ मामला करार दिया. साथ ही राज्य सरकारों से न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा पर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.

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जजों को धमकाया जा रहा, अपशब्द कहे जा रहे हैं

केस की सुनवाई कर रही बेंच ने अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल से कहा कि कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें गैंगस्टरों और हाई-प्रोफाईल आरोपियों ने जजों को धमकी दी है. उन्हें अपशब्द कहे हैं. ज्ञात हो कि झारखंड सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई ने धनबाद की मौत के मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) का केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू की थी. जुलाई में जज की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने सीबीआई जांच की मांग की थी. बार ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया था.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि धनबाद कोर्ट के एडीजे8 उत्तम आनंद को पिछले दिनों धनबाद में सुबह-सुबह मॉर्निंग वाक करते समय एक ऑटो ने धक्का मार दिया था, जिससे उनकी मृत्यु हो गयी थी. शुरू में झारखंड पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) का गठन किया था. दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों उसी ऑटो में थे, जिसकी ठोकर लगने से जज की मौत हुई थी. लेकिन, घटना के पीछे के मसकद के बारे में कोई खुलासा नहीं हो पाया है.

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एसआईटी को झारखंड हाइकोर्ट ने कर दिया था रद्द

केस में एफआईआर दर्ज करने में देरी होने पर झारखंड हाईकोर्ट ने एसआईटी को भंग कर दिया था. हाइकोर्ट ने मामले की जांच कर रही झारखंड पुलिस को लताड़ भी लगायी थी. कोर्ट ने कहा कि पुलिस एक खास जवाब के लिए सवाल पूछ रही है. यह बिल्कुल सही नहीं है.

Posted By: Mithilesh Jha

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