कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनके सम्बंधित स्थानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में 300 करोड़ रुपये कैश का बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. इस छापेमारी में 30 सुरक्षित अलमारियों में नोटों की भरमार थी और इन नोटों की गिनती के लिए मशीनों की भी आवश्यकता पड़ी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 300 करोड़ रुपये की गिनती पूर्ण हो चुकी है, लेकिन इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है. 30 अलमारियों में पाए गए 300 करोड़ रुपये कैश के संबंध में बताया जा रहा है कि धीरज साहू एक विशाल उद्योगपति हैं और उनका जुड़ाव शराब निर्माण कंपनी, बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज से है.
आयकर विभाग ने इस ग्रुप के झारखंड-ओडिशा और बंगाल के 10 स्थानों पर छापेमारी की. बलदेव साहू कंपनी के बोलांगीर में स्थित कार्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित सतपुड़ा ऑफिस में आयकर विभाग ने 200 करोड़ रुपये कैश का सहीगलबा. इस छापेमारी के दौरान, नोटों के बंडल ऑफिस की नौ अलमारियों में संग्रहित थे, जिनमें नोटों की दरें 500, 200, और 100 रुपये की थीं. इस भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद, आयकर विभाग की टीम ने मशीनों का उपयोग करके नोटों की गिनती की, जिसके परिणामस्वरूप 157 बैगों में भरकर उन्हें एक ट्रक में स्थानांतरित किया गया, जो बैंक में पहुंचाया गया.
वायरल वीडियो से कई सवाल खड़े हुए?
वायरल हो रहे इस वीडियो में एक बात गौर करने की है, वो ये कि सारे नोट 500, 200, 100 और 50 के हैं, जैसा हम सब जानते हैं कि 2000 रुपये के नोट अब प्रचलन से बाहर हो चुके हैं और इन्हे बदलने की अवधि 8 अक्टूबर 2023 तक ही थी. इतने बड़े नोटों का जखीरा और उसमें 2000 के नोट का नहीं होना कई बातों की तरफ इशारा कर रहा है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं-
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पहला, क्या धीरज साहू की कमाई सिर्फ छोटे नोट के रूप में है?
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दूसरा, क्या धीरज साहू ने 8 अक्टूबर तक अपने पास मौजूद 2000 के सारे नोट 500 और 200 के नोट में बदल दिया?
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तीसरा, अगर ऐसा है तो किसने की होगी धीरज साहू की मदद?
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चौथा, किस बैंक से है धीरज साहू का सांठ-गांठ?
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पांचवां, किस बैंक अधिकारी ने की धीरज साहू की नोट बदलने में मदद?
हालांकि वायरल वीडियो के प्रमाणिकता की पुष्टि प्रभात खबर डॉट कॉम नहीं करता है.
किन किन ठिकानों पर हुई छापेमारी
बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज, पश्चिमी ओडिशा की सबसे बड़ी देशी शराब निर्माता और विक्रेता कंपनियों में से एक है. इस कंपनी में कांग्रेस सांसद धीरज साहू के अलावा उनके परिवार के राजकिशोर साहू, स्वराज साहू और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं. ओडिशा के इस कारोबार में उनके भाई संजय साहू और दीपक साहू भी संलग्न हैं. धीरज साहू के परिवार द्वारा स्वामित्व रखी जाने वाली इस ग्रुप में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) के अलावा बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स, और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बेवरेज लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन सभी कंपनियों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है. बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाने का कार्य करती है, जबकि बाकी तीन कंपनियां शराब व्यापार से जुड़ी हैं.
ED भी कर सकती है पूछताछ
आयकर विभाग की 40 सदस्यों की टीम ने बुधवार की सुबह से ही ओडिशा के बौध, बोलांगीर, रायगढ़ा, और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा, और कोलकाता में समूह में छापेमारी की गई. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आयकर विभाग ने कंपनी के कई खातों को फ्रीज कर दिया है. इस मुद्दे में आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी के प्रबंधन स्तर से आय के स्रोतों और इतनी बड़ी मात्रा में नकदी जमा करने के संदर्भ में पूछताछ कर सकते हैं. इस मामले में ईडी भी सक्रिय हो सकती है.