प्रशांत किशोर के आते ही गुजरात कांग्रेस में दो फाड़, नेताओं ने कहा- रणनीतिकार पर पैसा खर्च करना बेकार
कांग्रेस में प्रशांत किशोर की मुखालफत करने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी. उन्होंने कहा कि गुजरात की 182 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी ने अपने दम पर भाजपा को दो अंकों तक समेटकर रख दिया.
अहमदाबाद : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में आते ही पार्टी की गुजरात इकाई के नेताओं में मतभेद पैदा गया है. गुजरात कांग्रेस कमेटी (जीसीसी) में कांग्रेस के विरोध कर रहे नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाने के लिए पार्टी में प्रशांत किशोर पर पैसा खर्च करना बेकार है. प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुजरात के चुनावी समीकरण के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस को कोई हरा नहीं सकता है और शहरी इलाकों में भाजपा को टक्कर देना मुश्किल है. इन नेताओं ने आलाकमान को संदेश भेजकर कहा है कि किसी फैसले पर पहुंचने में ज्यादा देर करने से पार्टी की रणनीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
कांग्रेस का भविष्य तलाश रहे प्रशांत किशोर
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नवंबर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात पर 2024 के लोकसभा चुनाव का भविष्य तलाश रहे हैं. गुजरात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रशांत किशोर का विधानसभा चुनाव के लिए काम करने को लेकर पार्टी के नेता आपस में बंट गए हैं. आधे नेता प्रशांत किशोर के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं, तो आधे नेता विरोधी सुर मुखर कर रहे हैं.
कांग्रेस ने भाजपा को दो अंकों तक समेटा
कांग्रेस में प्रशांत किशोर के खिलाफ विरोधी सुर बुलंद करने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी. उन्होंने कहा कि गुजरात की 182 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी ने अपने दम पर भाजपा को दो अंकों तक समेटकर रख दिया. हालांकि, यह बात दीगर है कि इन पांच सालों के दौरान पार्टी के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है.
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प्रशांत किशोर पर पैसा खर्च करना बेकार
गुजरात कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि प्रशांत किशोर के आने से पार्टी को बहुत अधिक फायदा होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस को कोई हरा नहीं सकता और शहरी इलाकों में भाजपा को टक्कर देना काफी कठिन है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि ऐसी स्थिति में प्रशांत किशोर पर पैसा खर्च करना बेकार है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर पर पैसा बहाने की बजाए आलाकमान को पार्टी गतिविधियों को तेज करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इससे पार्टी को फायदा होगा.