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Vidhansabha Chunav 2022: नहीं हो पाएगा 2022 में विधानसभा चुनाव? जानें चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2021 7:16 AM
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2022 Vidhansabha Chunav : अगले साल यानी 2022 में पंजाब, यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों पर अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसा इसलिए क्योंकि निर्वाचन आयोग ने छह राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के मामले में शीघ्र सुनवाई करने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है. इन मशीनों का अभी इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है क्योंकि एक आदेश के तहत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान चुनाव याचिका सहित याचिकायें दायर होने के कारण इन्हें संरक्षित रखने की समय सीमा बढ़ाने का काम किया गया था.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. आने वाले चुनावों के लिये आयोग को इनकी जरूरत है.

पीठ ने सिंह की बात सुनी और कहा कि इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जायेगी. उन्होंने असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने का पीठ से अनुरोध किया है.

क्या कहा वकील ने : वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि हमें इन ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों को ठीक करना होगा और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा पंजाब जैसे राज्यों में चुनाव के मद्देनजर इस याचिका पर सुनवाई बहुत ही जरूरी है. इसपर पीठ ने कहा कि ठीक है, हम इस पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे.

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जानें क्या है मामला : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 अप्रैल 2021 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव याचिकाओं सहित अन्य याचिका दायर करने के लिए वैधानिक अवधि में ढील दी थी जिसके परिणामस्वरूप, कोई भी व्यक्ति अभी भी निर्वाचित प्रत्याशी के चुनाव को चुनौती दी सकता है और प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन आयोग को साक्ष्य के रूप में इन ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को न्यायिक कार्यवाही के मद्देनजर संरक्षित रखना होगा.

आयोग की याचिका में क्या है : आयोग ने अपनी याचिका में कहा है कि इस वजह से हाल ही में सम्पन्न विधान सभा चुनावों में प्रयुक्त सारी ईवीएम और वीवीपैट अवरुद्ध हो गयी हैं और आगामी चुनावों में इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

Posted By : Amitabh Kumar

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