Digambar Kamat Goa Election Results: जोड़-तोड़ में माहिर गोवा के चतुर राजनेता हैं दिगंबर कामत
कांग्रेस (Congress) पार्टी से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले दिगंबर कामत वर्ष 1994 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गये थे. बीजेपी (BJP) के टिकट पर लगातार तीन बार विधायक चुने गये थे. वर्ष 2003 में दिगंबर कामत ने बीजेपी छोड़कर दी और फिर से कांग्रेस (INC) में शामिल हो गये.
Digambar Kamat Goa: गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत (67) कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं. उनका पूरा नाम दिगंबर वसंतराव कामत (Digambar Vasantrao Kamat) है. स्नातक तक की पढ़ाई की है. उन पर 4 मुकदमे दर्ज हैं. फुलटाइम राजनेता दिगंबर कामत (Digambar Kamat) के पास कुल 15.15 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. दिगंबर कामत तैराकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं. वर्ष 2007 से 2012 तक दिगंबर कामत गोवा के मुख्यमंत्री (Former Goa CM Digambar Kamat) रहे थे. 8 मार्च 1954 को गोवा के मडगांव में जन्मे दिगंबर कामत पेशे से बिजनेसमैन और रियल एस्टेट डेवलपर रहे हैं.
1994 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आये
कांग्रेस (Congress) पार्टी से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले दिगंबर कामत वर्ष 1994 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गये थे. बीजेपी (BJP) के टिकट पर लगातार तीन बार विधायक चुने गये थे. वर्ष 2003 में दिगंबर कामत ने बीजेपी छोड़कर दी और फिर से कांग्रेस (INC) में शामिल हो गये. लगातार 6 बार वह मडगांव विधानसभा सीट (Madgaon Assembly Seat) से निर्वाचित हुए हैं. इसमें तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुने गये हैं. इस बार भी यहीं से चुनाव लड़े.
गोवा कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता हैं दिगंबर कामत
चतुर नेता और जोड़-तोड़ में माहिर माने जाने वाले दिगंबर कामत गोवा कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता भी हैं. भाजपा पर सत्ता बचाने की चुनौती थी, तो दिगंबर कामत पर कांग्रेस को सत्ता में लाने की. इसके लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया. दूसरी तरफ, तृणमूल कांग्रेस (AITC) और आम आदमी पार्टी (AAP) भी गोवा में अपने पैर जमाने के लिए सारे सियासी दांव-पेंच लगा रही थी.
अवैध खनन का लगा है दाग
दिगंबर कामत पर खनन घोटाला (Goa Mining Scam) के आरोप लगे थे. वर्ष 2014 में अवैध खनन मामले में एसआईटी ने उनसे लंबी पूछताछ की थी. बताया जाता है कि जब दिगंबर कामत गोवा के मुख्यमंत्री थे, तब राज्य में कथित तौर पर 35,000 करोड़ रुपये का खनन घोटाला हुआ था. इस मामले में दिगंबर कामत की छवि पर भी दाग भ्रष्टाचार (Digambar Kamat Corruption) के दाग लगे थे. हालांकि, उनके विधानसभा क्षेत्र मडगांव में उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आयी.
दिगंबर कामत का सियासी सफर
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1994 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया, तो दिगंबर कामत ने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गये
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1994 में मडगांव विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गये
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2005 में लंबे समय बाद दिगंबर कामत भाजपा छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गये
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2007 से 9 मार्च 2012 तक कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे
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2017 के विधानसभा चुनाव में कामत ने बीजेपी प्रत्याशी शर्माद रायतुकर को 4,176 मतों हराया
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2019 में जब भाजपा ने जोड़तोड़ करके सरकार बना ली, तो दिगंबर कामत गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता बने
Posted by: Mithilesh Jha and Pritish Sahay