नयी दिल्ली : कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने पांच अगस्त को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर शिलान्यास की घोषित तिथि को अशुभ मुहुर्त बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को फिर अनुरोध किया है कि इस शिलान्यास कार्यक्रम को उस दिन के लिए टाल दें. दिग्विजय के इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया है और भाजपा ने उनपर पलटवार किया है. इधर विरोध के बावजूद दिग्विजय अपने बयानों पर अड़े हुए हैं और अब मुहूर्त को लेकर शास्त्रार्थ की मांग कर दी है.
दिग्विज सिंह ने भाजपा के शंतों से अपनी चुप्पी तोड़ने को कहा है. उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, उमा भारती को बताना चाहिए कि क्या यह मुहूर्त शुभ है. वह क्यों नहीं भूमि पूजन में शामिल होने जा रही हैं. दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तो पहले ही इसका शिलान्यास कर चुके हैं.
दिग्विजय के बयान पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, कांग्रेस के नेता, जिन्होंने श्रीराम के अस्तित्व को ही नकार दिया, आज राम मंदिर के निर्माण के शुभ-अशुभ समय के निर्धारण करने में लगे हैं. अरे कांग्रेसियों, राम का नाम लेने से ही समय शुभ हो जाता है.
उन्होंने कहा कि देश की जनता बहुत अच्छे से जानती है कि कांग्रेस वही पार्टी है जिसने कभी प्रभु श्रीराम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाये. चौहान ने कहा, उच्चतम न्यायालय में (कांग्रेस ने) हलफनामा देकर कहा कि भगवान राम कभी पैदा ही नहीं हुए, यह एक कोरी कल्पना है. मणिशंकर अय्यर जी ने भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर सवाल खड़े किए. कपिल सिब्बल जी ने रामलला के विरुद्ध खड़े होकर सनातन आस्था का अपमान किया. (मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) कमलनाथ जी भगवान राम को राजनीतिक स्टंट बताते हैं.
एक मिस्टर बंटाधार हैं जिन्हें राम नाम में सिर्फ राजनीति दिखाई देती है. राहुल बाबा तो यह तक कह चुके हैं कि लोग मंदिर लड़कियों को छेड़ने जाते हैं. उन्होंने आगे लिखा, इस निकृष्ट सोच और सनातन धर्म की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ का नतीजा है कि आज सम्पूर्ण कांग्रेस अपने पतन की ओर अग्रसर है. कांग्रेस के लिए राम, राजनीति के विषय होंगे लेकिन हमारे लिए राम, भक्ति और आस्था के विषय हैं.
#WATCH Foundation stone has already been laid, Rajiv Gandhi ji did it: Digvijaya Singh, Congress on being asked about Kamal Nath's statement that Rajiv Gandhi also wanted #RamTemple to be constructed pic.twitter.com/BvViPC2KSI
— ANI (@ANI) August 3, 2020
चौहान ने कहा, कांग्रेस के ही कुछ अतिउत्साही नेताओं ने नारा दिया था, ‘मंदिर वहीं बनाएंगे,लेकिन तारीख नहीं बताएंगे.’ वह शुभ घड़ी आई तो उनके पेट में दर्द होने लगा है. पौराणिक काल में जब ऋषि-मुनि यज्ञ करते थे, तो असुर और राक्षस आकर उसमें विघ्न डालते थे. कांग्रेस के नेता यही चरितार्थ कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया और कहा, सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजर अंदाज करने का नतीजा है कि राम मंदिर के पुजारी एवं भाजपा नेताओं को कोविड-19 हो रहा है और उत्तर प्रदेश के एक मंत्री की इस महामारी से कल रविवार को निधन भी हो गया है.
दिग्विजय ने ट्वीट किया, पांच अगस्त को भगवान राम के मंदिर शिलान्यास के अशुभ मुहुर्त के बारे में विस्तार से जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सचेत किया था. मोदी जी की सुविधा पर यह अशुभ मुहुर्त निकाला गया. यानि मोदी जी हिंदू धर्म की हजारों वर्षों की स्थापित मान्यताओं से बड़े हैं. क्या यही हिंदुत्व है?उन्होंने आगे लिखा, सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नज़र अंदाज करने का नतीजा. 1- राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना वायरस पॉजिटिव, 2- उत्तर प्रदेश की मंत्री कमला रानी वरुण का कोरोना वायरस से स्वर्गवास, 3- उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष :स्वतंत्र देव सिंह: कोरोना वायरस पॉजिटिव अस्पताल में, 4- भारत के गृह मंत्री अमित शाह कोरोना वायरस पॉजिटिव अस्पताल में, 5- मध्यप्रदेश के भाजपा के मुख्यमंत्री : शिवराज सिंह चौहान: व भाजपा के मध्य प्रदेश अध्यक्ष :विष्णु दत्त शर्मा: कोरोना वायरस पॉजिटिव अस्पताल में, 6- कर्नाटक के भाजपा के मुख्यमंत्री :बी एस येदियुरप्पा: कोरोना वायरस पॉजिटिव अस्पताल में.
दिग्विजय ने कहा, मोदी जी आप अशुभ मुहुर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं? योगी जी आप ही मोदी जी को समझाइए. आपके रहते हुए सनातन धर्म की सारी मर्यादाओं को क्यों तोड़ा जा रहा है? और आपकी क्या मजबूरी है जो आप यह सब होने दे रहे हैं? उन्होंने कहा, अब एक और प्रश्न उपस्थित होता है. उत्तर प्रदेश की मंत्री की कोरोना वायरस से मौत हो गयी. उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना वायरस पॉजिटिव, भारत के गृहमंत्री कोरोना वायरस पॉजिटिव. इन हालात में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) और भारत के प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) को पृथक-वास नहीं होना चाहिए? क्या पृथक-वास में जाने की बाध्यता केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के लिए नहीं है? पृथक-वास की समय सीमा 14 दिवस की है.
दिग्विजय ने आगे ट्वीट किया, मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूँ पांच अगस्त के अशुभ मुहुर्त को टाल दीजिए. सैंकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर निर्माण का योग आया है। अपनी हठधर्मीता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए. उन्होंने कहा कि भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं और हज़ारों वर्षों की हमारे धर्म की स्थापित मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए. दिग्विजय ने कहा, अयोध्या में भगवान राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के अशुभ मुहूर्त में कराये जाने पर हमारे हिंदू (सनातन) धर्म के द्वारका व जोशीमठ के सबसे वरिष्ठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज का संदेश व शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित तथ्यों पर वक्तव्य अवश्य देखें.
Posted By – Arbind Kumar Mishra