मसूरी: भारत की दो बेटियां दीक्षा और प्रकृति अब युद्ध के मैदान में भी जौहर दिखायेंगी. इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस फोर्स (ITBP) में इन्हें कॉम्बैट ऑफिसर नियुक्त किया गया है. ये पहली महिला ऑफिसर हैं, जिन्हें यह गौरव हासिल हुआ है. मसूरी में आईटीबीपी एकेडमी (ITBP Academy, Mussoorie) में आयोजित पासिंग आउट परेड में प्रकृति और दीक्षा को फोर्स में शामिल किया गया. इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे.
प्रकृति (Prakriti) और दीक्षा (Diksha) को आईटीबीपी (Indo Tibetan Border Police Force) के बटालियन में कंपनी कमांडर के रूप नें शामिल किया जायेगा. 52 सप्ताह की लंबी ट्रेनिंग के बाद ये असिस्टेंट कमांडेंट बनी हैं. आईटीबीपी में कॉम्बैट ऑफिसर (ITBP Combat Officer) के रूप में शामिल किये जाने के बाद दीक्षा ने कहा कि उनके पिता उनके रोल मॉडल हैं. दीक्षा के पिता आईटीबीपी (ITBP) में इंस्पेक्टर हैं. उन्होंने हमेशा अपनी बेटी का उत्साहवर्द्धन किया.
"My father is my role model, he always motivated me," says Officer Diksha, daughter of an Inspector serving with the ITBP pic.twitter.com/cRUFnrhCsc
— ANI (@ANI) August 8, 2021
आईटीबीपी (ITBP) में अब तक महिलाओं को मेडिकल ब्रांच में ही काम दिया जाता था या आईपीएस से डेपुटेशन पर आने वाली अफसरों को बड़ी पोस्टिंग मिलती थी. इन दोनों महिला अधिकारियों का टेक्निकल बैकग्राउंड है. प्रकृति इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, तो दीक्षा के पास बीटेक की डिग्री है. प्रकृति के पिता वायुसेना (Indian Air Force) में वारंट ऑफिसर हैं. वहीं, दीक्षा के पिता आईटीबीपी में इंस्पेक्टर हैं. दीक्षा और प्रकृति को आईटीबीपी की 2री और 14वीं बटालियन में पोस्टिंग दी गयी है.
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रविवार को 26वें असिस्टेंट कमांडेंट (जेनरल ड्यूटी) और 49वें असिस्टेंट कमांडेंट (इंजीनियर) से कुल 53 अधिकारी पास हुए. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) ने परेड की सलामी ली. इस अवसर पर आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल और अन्य सीनियर ऑफिसर मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने यहां एक पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ आईटीबीपी’ (History of ITBP) का लोकार्पण भी किया.
2016 में आईटीबीपी में महिलाओं की नियुक्ति की शुरुआत
आईटीबीपी (ITBP) ने वर्ष 2016 में महिलाओं को कॉम्बैट ऑफिसर के पद पर तैनात करने की पहल की शुरुआत की थी. यूपीएससी (UPSC) को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि आईटीबीपी से पहले सीमा सुरक्षा बल (BSF) में महिलाओं को जूनियर कमांडर के रूप में कमीशन किया जा चुका है.
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पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) की सीमा की सुरक्षा के अलावा अन्य सुरक्षा कार्यों में महिला कॉन्स्टेबलों (Women Constable) को लगाया गया है. बीएसएफ की 83,000 की फोर्स में 1,500 महिलाएं हैं. गृह मंत्रालय के अधीन पंच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में आईटीबीपी (ITBP) भी शामिल है. यह एकमात्र ऐसा केंद्रीय बल था, जिसमें सीमा सुरक्षा में अग्रिम मोर्चे पर महिलाओं की कोई भूमिका नहीं थी.
यूपीएससी के जरिये होती है नियुक्ति
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की बात करें, तो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने बहुत पहले ही यूपीएससी के जरिये महिला अधिकारियों की नियुक्ति शुरू कर दी थी. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने क्रमश: वर्ष 2013 और 2014 में महिलाओं को बल में एंट्री दी. केंद्रीय बलों में अब कम से कम 30 हजार महिलाएं काम कर रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा महिलाएं सीआरपीएफ और उसके बाद सीआईएसएफ में काम कर रही हैं.
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सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण
महिला सशक्तिकरण पर संसदीय समिति ने अपनी छठी रिपोर्ट में केंद्रीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों की भागीदारी 5 फीसदी करने की सिफारिश की थी. इसके बाद सीएपीएफ को इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये. वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में कॉन्स्टेबल स्तर पर महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था. बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी में ऐसे पदों पर 14 से 15 फीसदी आरक्षण देने की बात केंद्र सरकार ने कही थी.
Posted By: Mithilesh Jha